जालोरी जोत पर्यटकों के लिए स्वर्ग

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गुलाब महन्त औट। मैदानी इलाकों में भारी गर्मी पड़ने के बाद जब लोग सुकून पाने के लिए पहाड़ों की तरफ रुख करते हैं तो स्वाभाविक रूप से पहाड़ों पर जमघट लगना शुरू हो जाता है। ऐसी ही स्थिति आजकल जालोरी जोत में देखने को मिल रही है जहां पर लोगों की भीड़ के अलावा गाड़ियों का जमघट भी लग चुका है। सुरभि न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार जलोडी पास में गाड़ियों का जमघट के साथ-साथ विभिन राज्यों से पर्यटक जमा हो रहे हैं। समुद्र तल से करीब 11000 फुट की ऊंचाई पर स्थित जालोरी पास में ठंडी हवा और शीतल पर्यावरण का आनंद उठाने के लिए दिल्ली हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ उत्तराखंड यूपी आदि राज्यों के पर्यटक जालोरी जोत पर देखे गए। साफ पर्यावरण ठंडी ठंडी हवा का पर्यटक यहां इस स्थल पर आनंद उठाने के लिए मैदानी इलाके के लोग अपने-अपने वाहनों में इस जालोरी जोत में खूब चहल कदमी कर रहे हैं। इसके अलावा यहां के खूबसूरती को अपने अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करने से नहीं चूकते साथ ही मूवी वीडियो सहित ड्रोन कैमरा से भी अपनी इस यात्रा को संजोए रखने के लिए अनेक प्रकार के फोटो भी अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं। जिला कुल्लू के आउटर सराजी और इनर सराज की सीमा पर स्थित जालोरी जोत बंजार विधानसभा और आनी विधानसभा का सीमावर्ती क्षेत्र रहा है। माना जाता है पर्यटन की दृष्टि से जालोरी के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन की अधिक समभावना को तलाशने के लिए कोई खास प्रबंध विभाग और सरकार की तरफ से नहीं उठाए गए हैं जिससे यहां पर रात्रि ठहराव की कोई व्यवस्था ना के बराबर है। यहाँ जोत पर निजी ढाबे व टी सटाल तो खोले गए हैं। लेकिन पर्यटन बिभाग व सरकारी बिभाग की तरफ से कोई भी वयावसथा नहीं है जिससे पर्यटक अपनी जरूरत की चीजें निजी ढाबे व अन्य दुकानों से खरीद कर अपना दिनचर्या को निभा सके। बंजार से सड़क मार्ग होते हुए जालोरी जोत पहुंचने के लिए आजकल निजी वाहनों का अति प्रयोग हो रहा है इसके अलावा ट्रैकिंग भी यहां के आसपास के चिन्हित जगहों के लिए की जा रही है खूबसूरती को समेटे हिमाचल प्रदेश का जालोरी पास प्राकृतिक खजाना समेटे निश्चित तौर पर पर्यटकों की पहली पसंद बन गई है। हरे भरे पेड़ पौधे देवदार कायल चील बान मोहरू रखाल आदि अन्य विशाल काया पेड़ों से लबालब भरा हुआ जालोरी पास हर लिहाज से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। इसके अलावा किन्नौर रामपुर शिमला नारकंडा जिला का आउटर सराजी को जोड़ने वाला इस मार्ग में काफी आवाजाही देखी जा सकती है। उम्मीद यह की जा रही है की प्रदेश में कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन खुलने के बाद इस जोत पर और अधिक भीड़ होने की संभावना जताई जा रही है साथ में पर्यावरणविद लोगों का कहना है की जालोरी पास के आसपास किसी तरह का गंदगी प्लास्टिक ना बिखर पाए इसके लिए सरकारी व प्रशासनिक तौर से सख्त आदेश दिशा निर्देश और वयावसथा बनानी चाहिए जिससे पर्यटक स्थल साफ सुथरे वना रहे। इसके अलावा अनी विधानसभा और बंजार विधानसभा के प्रतिनिधियों को मिलकर यहां की व्यवस्था को उचित बनाने के लिए हर कदम मिलकर उठाने चाहिए।

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