पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों व अधिकारों का निर्वहन सजगता से करें-सतपाल सिंह सत्ती

इस खबर को सुनें

सुरभि न्यूज़ चम्बा। जिला के विभिन्न विकास खंडों में लंबे अरसे से 27 करोड़ के करीब धनराशि जो कि विकास कार्यों के लिए विभिन्न मदों में आवंटित की गई थी वह अभी तक भी व्यय नहीं की गई है। खंड विकास अधिकारी पंचायत स्तर कार्य योजनाएं तैयार कर इस धनराशि को ऑनलाइन करके व्यय करना सुनिश्चित बनाएं। यह निर्देश छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने उपायुक्त कार्यालय चंबा के सभागार भवन में विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक में महत्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा करने के उपरांत खंड विकास अधिकारियों को दिए। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों व अधिकारों का सजगता से निर्वहन करें, विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने के साथ-साथ वे प्रदेश सरकार की समस्त कल्याणकारी योजनाओं को सूचीबद्ध कर अपने क्षेत्र के पात्र लोगों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने में मदद करें। आज के बदलते परिवेश में पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए बजट का उचित प्रावधान किया गया है लिहाजा पदाधिकारियों को बेहतरीन कार्यों को अंजाम देने के लिए लोगों द्वारा मौका दिया गया। इसलिए जनहित में दीर्घकालीन योजनाओं को प्रमुखता से क्रियान्वित करवाएं। उन्होंने यह भी कहा की कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सही तरीके से पालन सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से ही वैश्विक महामारी से निपटा जा सकता है। लोगों को अधिक से अधिक टीका करण के लिए प्रोत्साहित करें टेस्टिंग के लिए भी गे लाएं। बैठक में राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष जय सिंह, जिला कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष डी एस ठाकुर, भी विशेष रूप से मौजूद रहे। सहायक आयुक्त उपायुक्त रामप्रसाद शर्मा ने कहा कि जब तक पंचायत के लोगों की आर्थिक, सामाजिक शैक्षणिक समस्याओं का प्रभावी तौर पर निराकरण सुनिश्चित ना बनाया जाए तब तक विकास कार्यों का लाभ आम जनमानस को नहीं पहुंचेगा। बैठक में पंचायत पंचायत समितियों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों, तथा ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने अपने बहुमूल्य सुझाव देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर होने वाले बड़े कार्यों की भी ईटेंडरिंग होनी चाहिए ताकि कार्यों में और अधिक पारदर्शिता बनी रहे तथा विभिन्न विभागों द्वारा निष्पादित करवाए गए विकास कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पत्र भी विभागीय अधिकारी संबंधित पंचायत से लेना सुनिश्चित करें। ग्राम पंचायतों की तर्ज पर पंचायत समिति के शीर्ष में बजट की बढ़ोतरी की जाए। इसके साथ-साथ मनरेगा मटीरियल कॉम्पोनेंट्स में प्रतिशता बढ़ाने तथा चरागाहों के विकास व उनके क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना को भी शामिल करने के सुझाव दिए गए। खंड विकास अधिकारियों ने बैठक में ग्राम पंचायतों के द्वारा अपने संसाधनों से जुटाई गई आय की धनराशि को भी विभिन्न विकासात्मक कार्यों में खर्च करने की वित्तीय शक्ति बढ़ाने का आग्रह किया। धिकारियों ने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में पंचायतों में पंचायत सचिव व अन्य तकनीकी स्टाफ का कार्यभार बढ़ रहा है, अतिरिक्त स्टाफ मुहैया करवाने का प्रावधान किया जाए। बैठक में एसडीएम भरमौर मनीष सोनी, एसडीएम डलहौजी जगन ठाकुर, भरमौर बीडीसी चेयरमैन परसराम, चंबा के गुरुदेव सिंह, सलूनी की कंगना सेठी, तीसा की कौशल्या देवी, भटियात के उपाध्यक्ष पंकज कुमार, तीसा के दुनी चंद ठाकुर, मैहला के सूरज शर्मा, चंबा के तिलक राज व जिला पंचायत अधिकारी महेश चंद, जिला योजना अधिकारी गोविंद शर्मा, खंड विकास अधिकारी चंबा ओपी ठाकुर,सलूणी के निशी महाजन, भटियात के बशीर मोहम्मद मैहला के रजनीश शर्मा मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *