तीर्थन घाटी की प्राकृतिक सुन्दरता, पर्यावरण और सांस्कृतिक परंपराओं को बचाए रखने के लिए सभी करेंगे सांझा प्रयास- लता देवी.

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सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती) गुशैनी बंजार। जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि एकजुट होना शुरू हो गए हैं। विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए मशहूर तीर्थन घाटी में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं भरी पड़ी है जिस कारण साल दर साल यहां पर भ्रमण करने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। पर्यटन यहां के लोगों की आजीविका का एक मुख्य जरिया बनता जा रहा है। स्थानीय लोगों को भविष्य में पर्यटन से होने वाले नफा नुकसान का आकलन करने के लिए यहां की सात ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने शनिवार को तीर्थन घाटी के केंद्र बिंदु गुशैनी में एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता बंजार ब्लॉक पंचायत समिति चेयरमैन लता देवी ने की है। इस बैठक में पंचायत समिति सदस्य तुंग बार्ड कमला देवी, पंचायत समिति सदस्य शरची लीला देवी, सहारा संस्था के निदेशक राजेंद्र चौहान, प्रधान ग्राम पंचायत शर्ची रामेश्वरी ठाकुर, प्रधान ग्राम पंचायत मश्यारय शांता देवी, प्रधान ग्राम पंचायत तुंग घनश्याम, प्रधान ग्राम पंचायत पेखड़ी पुष्पा देवी, प्रधान ग्राम पंचायत नोहांडा अंकुश शलाठ, प्रधान ग्राम पंचायत कंडीधार त्रिशला देवी, उपप्रधान ग्राम पंचायतशिल्ली मोहर सिंह ठाकुर, उपप्रधान तुंग दिले राम, उप प्रधान कंडी धार मोहिंदर सिंह, उपप्रधान पेखडी वीरेंद्र सिंह, तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण भारती, समाजसेवी पूर्ण चंद, नीरज ठाकुर, अमन नेगी, रामलाल, कमली राम, पूर्व प्रधान शरची हरि सिंह ठाकुर, पूर्व प्रधान नोहांडा स्वर्ण सिंह ठाकुर, वेदराम, शेर सिंह और पत्रकार योगराज व प्रीतमशर्मा सहित तीर्थन घाटी के अन्य गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से मौजूद रहे। पंचायत समिति चेयरमैन लता देवी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि समूची तीर्थन घाटी पर्यटन की अपार संभावनाओं से भरी पड़ी है इसलिए भविष्य में यहां के लोगों को पर्यटन कारोबार से घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थन घाटी की प्राकृतिक सुंदरता, पर्यावरण और यहां की सांस्कृतिक परंपराओं को बचाए रखने के लिए हम सभी मिलकर सांझा प्रयास करेंगे ताकि इस घाटी को लंबे समय तक पर्यटन के लिए संरक्षित रखा जा सके। इस बैठक में उपस्थित कई वक्ताओं ने अपने अपने विचार साझा किए। संपूर्ण घाटी में पर्यटन की संभावनाओं, वर्तमान परिदृश्य और भविष्य में पर्यटन विकास के साथ आने वाली चुनौतियों पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि सभी पर्यटन कारोबारियों को स्थानीय पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि क्षेत्र की प्राकृतिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत को बरकरार रखने के लिए अब भविष्य में व्यवसायिक निर्माण पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। अब तीर्थन घाटी में कोई भी पर्यटन कारोबारी व्यवसायिक तौर पर 10 कमरों से अधिक के होटल, गेस्ट हाउस व रिजॉर्ट्स का निर्माण नहीं कर पाएगा। यहां के सीमित प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल और जमीन पर स्थानीय लोगों की मूलभूत जरूरतें निर्भर है जो यहां पर बड़े-बड़े होटल, रेस्तरां और रिजॉर्ट्स बन जाने से स्थानीय लोगों के हक हकूकों को भारी नुकसान होगा। इसलिए बाहरी लोगों द्वारा किए जा रहे भारी भरकम व्यवसायिक निर्माण पर अब पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। तीर्थन घाटी के वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरण प्रेमी दौलत भारती का कहना है कि यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य, शान्त और सुरमयी वादियां, नदियां, नाले, झीलें, झरने, यहां के पारम्परिक मेले और त्यौहार सहज ही सैलानियो को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इनका कहना है कि घाटी के लोग यहां पर पर्यावरण से मिलते जुलते छोटे छोटे इको फ्रैंडली हट्स व कैम्प साइट्स का निमार्ण करके आसानी से पर्यटन को अपने रोजगार का जरिया बना सकते हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर व्यावसायिक और बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि पर्यटक यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का बखूबी लुत्फ उठा सके। बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र शौरी ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के तीर्थन घाटी में कई सरकारी योजनाओं को भविष्य में अमली जामा पहनाया जाएगा। इन्होंने बताया कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार शाईरोपा में निर्माणाधीन नेचर पार्क को शीघ्र ही पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। पर्यटकों की बढ़ती तादाद की और ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए खुंदन से गुशैणी तक बाई पास रोड की संभावनाएं तलाशी जा रही है जिसे भविष्य में अमलीजामा पहनाया जाएगा। इन्होंने बताया कि घाटी में पर्यतकों को आकर्षित करने के लिए तीर्थन नदी के किनारे लारजी से गुशैनी बटाहड़ तक फिशिंग प्वाइंट्स का निमार्ण किया जाएगा ताकि आसानी से ट्राउट मछली आखेट के शौकीन पर्यटक फिशिंग का आनन्द ले सके।

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