हिमाचल ग्रामीण मनरेगा एवं निर्माण कामगार संगठन श्रमिकों के विकास एवम उत्थान सम्मेलन का आयोजन

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ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कामगारों को संगठित करके उनको श्रमिक कल्याण बोर्ड से लाभ दिलाना ही इस सम्मेलन का मकसद- संतराम

सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती) गुशैनी बंजार। हिमाचल प्रदेश की करीब 80 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है। दूर दराज क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं का पलायन रोकने और उन्हें गाँव में ही रोजगार मुहैया करवाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं एवम कानून बनाए गए है। लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक भी यह कानून प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रहे है।

वर्ष 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना बनी जिसे अब मनरेगा स्कीम के नाम से जाना जाता है। यह कानून एक वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है लेकिन सरकारी तन्त्र के उदासीन रवैए और लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इस कानून के तहत मिलने वाले लाभ आज तक भी नहीं मिल रहे हैं। कोरोना काल के दौरान कई लोगों के रोजगार छिन गए जिस कारण अब ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत काम करने की मांग बढ़ रही है। मनरेगा कानून के तहत ग्रामीण कामगारों को मिलने वाले लाभ और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए मंगलवार को उपमंडल बंजार के अंबेडकर भवन में हिमाचल ग्रामीण कामगार संगठन के तत्वाधान से एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश ग्रामीण कामगार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतराम ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की है। इस एक दिवसीय सम्मेलन में बंजार खण्ड की विभिन्न ग्राम पंचायतों से आई महिला जनप्रतिनिधियों और महिला मंडलों की करीब 200 से अधिक महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम में हिमाचल ग्रामीण कामगार संगठन खंड बंजार के पदाधिकारी संयोजक अजीत राठौर, हिमालय नीति अभियान संस्था के प्रदेश संयोजक गुमान सिंह, प्रधान मोहर सिंह, महासचिव पूर्ण चंद, सदस्य जयचंद, संतोषी शर्मा, रेनू ठाकुर, ग्राम पंचायत तुंग के प्रधान घनश्याम, ग्राम पंचायत कंडीधार की प्रधान त्रिशला देवी, तुंग वार्ड की समिति सदस्य कमला देवी आदि विशेष रुप से उपस्थित रहे। संगठन के पदाधिकारियों ने उपस्थित महिलाओं को मनरेगा कानून और इसके तहत श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभ और सुविधाओं के बारे में विस्तृत से जानकारी दी है। महिलाओं को प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया भी समझाई गई और विभिन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया है। इसके साथ ही पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पासबुक और फॉर्म भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम में महिलाओं के पंचायत के हिसाब से अलग-अलग ग्रुप बनाकर समूह चर्चा-परिचर्चा करवाई गई और हर ग्रुप से दो-दो महिला डेलीगेट्स का चयन किया गया जो अपने क्षेत्र में पात्र लाभार्थियों को चिन्हित करके उनको पंजीकरण प्रक्रिया में सहयोग करेगी। इस कार्यक्रम में हिमाचल ग्रामीण कामगार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष संतराम, हिमालय नीति अभियान संस्था के प्रदेश संयोजक गुमान सिंह, खण्ड बंजार के संयोजक अजीत राठौर, संयोजक मंडल के सदस्य एवम ग्राम पंचायत शिल्ली के उपप्रधान मोहर सिंह, तुंग वार्ड की समिति सदस्य कमला देवी और पूर्ण चंद वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के जनसमुह को मनरेगा स्कीम की विस्तृत जानकारी, मजदूरों को आने वाली समस्याएं और इनका समाधान, संगठन विस्तार और महिला सशक्तिकरण सहित अन्य कई मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा हुई। सभी महिलाओं ने प्रण किया है कि अपने गांव समाज में इस योजना का खूब प्रचार प्रसार करेगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हर मनरेगा मजदूर और पात्र लाभार्थियों को इसका फायदा मिल सके। प्रदेशाध्यक्ष संतराम ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जन जन तक मनरेगा कानून की जानकारी पहुंचाना है।

पात्र लाभार्थियों को इसके तहत मिलने वाली सुविधाओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। ग्रामीण क्षेत्रों के कामगारों को संगठित करके उनकी समस्याओं का समाधान करना है। इन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में हिमाचल प्रदेश में श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन हुआ है लेकिन ताजुब है कि आज 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अब 2021 में जाकर बंजार हल्के में श्रमिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हुई है। इन्होने बतलाया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होते ही आप यहां से मिलने वाली कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र बन जाते हैं। श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा कामगारों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनेकों सुविधाएं प्रदान की जाती है जिसमें जीवन बीमा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास और पेंशन जैसी योजनाएं प्रमुख है। इसके अलावा कामगारों के बच्चों की शादी के लिए आर्थिक सहायता और प्रसूता महिलाओं के लिए छह माह तक का वेतन घर बैठे दिए जाने का प्रावधान है। संयोजक अजीत राठौर ने बताया कि इनका संगठन एक गैरराजनीतिक और सामाजिक संगठन है जो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे कामगारों को संगठित करने का कार्य कर रहा है। यह लम्बे समय से दूर दराज पंचायतों में जाकर महिलाओं, श्रमिकों और पिछडे वर्ग के लोगों को सभी अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इन्होंने बताया कि आज बंजार क्षेत्र की सैंकड़ों महिलाएं श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्य बन कर यहां से मिलने वाले लाभ के लिए पात्र बन चुकी है जिनकी पासबुकें भी उन्हें वितरित की गई है। इन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए संगठन द्वारा बंजार में कार्यालय खोला गया है इसलिए कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बेझिचक आकर सहायता ले सकता है। इस कार्यक्रम के पश्चात हिमाचल ग्रामीण कामगार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष संतराम की अध्यक्षता में कोर ग्रुप की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए बंजार ब्लॉक से भावना ठाकुर को संगठन में प्रधान और कमला देवी को सर्वसमति से महासचिव पद की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

 

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