चौहार व छोटाभंगाल घाटी को जनजातीय क्षेत्र का दर्ज़ा देने की मांग ने पकड़ा जोर

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सुरभि न्यूज़ (खुशीराम ठाकुर) बरोट।  चौहार व छोटाभंगाल घाटी को जनजातीय क्षेत्र का दर्ज़ा देने की मांग घाटीवासियों द्वारा एक बार फिर से जोरदार ढंग से उठ गई है।  स्थानीय लोगों का कहना है कि जनजातीय आरक्षण के बिना यहाँ का समुचित विकास का हो पाना संभव नहीं है।  यह बात बैजनाथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष सीता राम ठाकुर कहते हुए बताया कि आज़ादी के लगभग सात दशक के बीत जाने के बावजूद भी यहाँ के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित ही है।  उन्होंने कहा कि घाटियों के अधिकतर गाँव आज भी सड़क व परिवहन सुविधा से वंचित ही है। यहाँ पर औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान भी नहीं है।  यहाँ पर महाविद्यालय के बाद कोई दूसरा प्रशिक्षण केन्द्र को स्थापित ही नहीं किया गया है। सीताराम ठाकुर ने बताया कि नवंबर 2014 में घाटियों का सर्वेक्षण करने आए जनजातीय आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं लाहुल–स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने घाटीवासियों द्वारा उठाई गई इस मांग को जायज ठहराते था तथा उस दौरान केन्द्र सरकार को इसकी सकारात्मक रिपोर्ट भी प्रेषित कर दी थी मगर इस पर आज दिन तक कोई भी निर्णय नहीं आ पाया है।  सीताराम ठाकुर ने घाटीवासियों की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इन दुर्गम घाटियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन घाटियों को जनजातीय का दर्ज़ा दिलाने के लिए जल्द से जल्द दौरा कर विकास में योगदान दें।

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