उपायुक्त कुल्लू ने नग्गर ब्लॉक के 358 वलांटियर को कटराईं स्कूल में किया सम्मानित

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। पढ़ना लिखना अभियान को सफल बनाने वाले वलांटियर सम्मानित किये गए  करीब छह महीने गांव-गांव में पाठशाला लगाकर शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले वलांटियरों को उपायुक्त कुल्लू द्वारा सम्मानित किया गया। इन्होंने गांव के निरक्षर लोगों को अ से ज्ञ और 0 से 100 तक का ज्ञान बांटा और लोगों को अपना नाम के साथ-साथ सामने बोर्ड में क्या लिखा हैए उसको पढऩे योग्य बना दिया है शिक्षा विभाग द्वारा वलांटियरों के हौसलों को और बुलंद करने और अपने कुल्लू को साक्षर बनाने पर सम्मानित किया आपको बता दें कि हर व्यक्ति को बुनियादी शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पढऩा लिखना अभियान चलाया गया था प्रौढ़ शिक्षा की तर्ज पर ही पढऩा लिखना अभियान प्रदेश के साथ-साथ जिला कुल्लू में चलाया गया था। अभियान में 15 से 80 वर्ष की आयु तक के लोगों को शामिल किया गया। निरक्षरों को साक्षर करने में पढऩा लिखना और अंक ज्ञान को मापदंड निर्धारित किया  बाकायदा पढऩा लिखना अभियान के तहत जिला के असाक्षरों का चिन्हांकन और सर्वे का कार्य किया गया इसके बाद बाद गांव-गांव इन्हें पढ़ाने के लिए अस्थायी स्कूल चलाए गए। इस कार्य में वलांटियरों ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए गांव-गांव पाठशाला चलाई गई। बता दें कि पढऩा लिखना अभियान में जिला कुल्लू के नग्गर ब्लॉक के वलांटियरों ने अपनी अहम भूमिका अदा की। ब्लॉक के अंतर्गत आते हर पंचायत के गांव-गांव में घर-घर पाठशाला लगाई और निरक्षरों को साक्षर बनाने का प्रयास किया। जानकारी के अनुसार जितने भी निरक्षरों ने पढऩा लिखना अभियान के अंतर्गत गांव-गांव चलाई पाठशाला में हाजिरी लगाईए उन्होंने अ से लेकर ज्ञ तक का ज्ञान बेहतरीन ढंग से प्राप्त किया है। बता दें कि वलांटियरों को सम्मानित करने के लिए शिक्षा विभाग ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कटराईं में कार्यक्रम रखा है। नग्गर ब्लॉक के 358 वलांटियरों को इस कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जाएगा और इन्हें आगामी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन्होंने 3615 निरक्षरों को साक्षर करने में अहम भूमिका निभाई है। उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया की अप्रैल से लेकर अब तक यानि छह महीने इन वलांटियरों ने निरक्षरों को साक्षर बनाने में निशुल्क वर्चस्व योगदान दिया है साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग के कार्यो की भी सरहाना की पढ़ना लिखना अभियान के साथ-साथ हर घर पाठशाला और ऑनलाइन कक्षा के साथ साथ जहा पर मोबाइल नेटवर्क नहीं है वह पर घर घर जाकर अपना काम बेहतरीन ढंग से किया है और पढ़ना लिखना अभियान को सफल बनाया है और करीब पहले चरण में 16000 लोगो को साक्षर बनाने का कार्य किया है।

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