कुल्लू जिला में  44,825 पात्र व्यक्तियों को प्रदान की जा रही है सामाजिक सुरक्षा पेंशन

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से कुल्लू जिला में कुल 44,825 पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। इसपर सालाना लगभग 62.41 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।  चालू वितिय वर्ष में जिला में 2221 नये मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई है। बीते चार सालों के दौरान जिला में पेंशन के कुल 15,423 नये मामले स्वीकृत किये गए हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि प्रदेश सरकार द्धारा लिए गए निर्णय के अनुरूप 70 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों को बिना किसी आय सीमा के पैंशन स्वीकृत करवाई जा रही है। वर्तमान में जिला में 19,962 वरिष्ठ नागरिक 70 साल से उपर की आयु के हैं जिन्हे 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान कि जा रही है। अन्य मामलों में 850 रुपये  प्रतिमाह की दर से वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन प्रदान की जा रही है। पहली अप्रैल 2020 से समस्त विधवाओं एवं दिव्यांगजनों की मासिक पेंशन 850 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गइ है। इसके अतिरिक्त, जिला में 70 प्रतिशत या इस से अधिक विकलांगता के कुल 1589 लाभार्थियों केा 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने 17 मई 2021 को वद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत ‘स्वर्ण जयंती नारी सबल योजना’ जो 65 से 69 वर्ष तक की सभी वरिष्ठ महिलायों को बिना किसी आय सीमा के 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान किया गया है। इस योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिनमें दम्पति में से किसी को सरकारी सेवा की पेंशन ना मिल रही हो अथवा दम्पति में से कोई आयकरदाता न हो ताकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन कर लाभ जरूरतमंदो को मिल सके। वर्तमान में कुल 3766 पेंशनर इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किए जा रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि 2021-22 में जिला में गृह निर्माण योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के 67 मामले तथा अन्य पिछडे वर्ग के 2 तथा अनुसचित जन जाति के 6 मामले स्वीकृत किए गए है। अनुसुचित जाति, अन्य पिछडे वर्ग एवं अनुसुचित जन जाति के व्यक्तिययों को 1,50,000 रुपये की दर से मकान बनवाने हेतु  कुल 1.13 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई हैै। अन्तरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के अन्तर्गत चालू वित्त के दौरान जिला में 12 लाभार्थियों को 50 हजार रुपये प्रति दम्पति की दर से कुल 6 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। कम्पयुटर ऐप्लीकशन योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जन जाति एवं अन्य पिछडा वर्ग व अल्पसंख्यकों से सम्बन्धित अभ्यर्थियों को पीजीडीसीए तथा डीसीए का एक वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस वर्ष इस योजना मे 241 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अनुवर्ती कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति, जन जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्ध्ति हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी हो, जिनकी वार्षिक आय 35000/- से अधिक ना हो व अपने व्यवसाय में निपुण हो, उन्हे बढई कार्य, कताई व बुनाई, सिलाई कार्य के लिए 1300 रुपये व 1800 रुपये तक कि राशि के औजार तथा सिलाई मशीन खरीदने के लिये अनुदान प्रदान किया जा रहा है। चालु वितीय वर्ष में अनुसूचित जाति वर्ग के 227 आवेदनो के लिए मु0 3,92,600 रुपये तथा अन्य पिछड़ वर्ग के तीन आवेदनों के लिए मु0 5400 रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। राष्ट्रीय परिवार सहायतायोजना के अन्तर्गत 23 बीपीएल परिवारों को 20 हजार रुपये की दर से कुल 4.60 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम  के अन्तर्गत अत्याचार से पीड़ित 27 व्यक्तियों को कुल 18,04,488 रुपये की राशि प्रदान की गई। प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामयोजना के अन्तर्गत जिला में 13 गांव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चयनित हैं जिन्हे 20 लाख रुपये प्रति गाँव ढांचा गत विकास के लिये स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिला में एक वृद्धाश्रम/मानसिक रूप से अविकसित महिलाओं के लिये संस्थान, वरिष्ठ नागरिकों के लिये कुल छः देखभाल सुविधा केंद्र, एक नशामुक्ति केंन्द्र व जिला दिव्यांगता पुनर्वास केन्द्र विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित हैं जिन्हें राज्य एवं भारत सरकार के माध्यम से अनुदान राशि प्रदान की जा रही है।

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