सीटू ने मनरेगा मजदूरों को  120 दिनों का रोजगार देने की उठाई मांग

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सुरभि न्यूज़ (सी आर शर्मा) आनी। भबन एवं सड़क निर्माण कामगार यूनियन संबंधित सीटू ने लुहरी में  बैठक आयोजित की। बैठक में मनरेगा और निर्माण मजदूरों के बारे में चर्चा हुई। सीटू अध्यक्ष जिला शिमला कुलदीप डोगरा उपस्थित हुए युनियन ने कहा कि सरकार प्रशासन मनरेगा कानून को मजबूत करने के बजाय कमज़ोर कर रहे हैं। मनरेगा में हर साल बजट में कटौती कर रहे है। पंचायतों में भी मनरेगा काम को सुनियोजित तरीके से नहीं कर रहे हैं। सामाग्री में भी अनियमितता हो रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में अनुबंध फार्म नं -6 भरने पर कानुन के तहत काम देना ही पड़ता है। नहीं देने पर भत्ता देना पड़ता है। सरकार मनरेगा को भी निजी हाथों में देने पर आमादा है। सीटू ज़िला अध्यक्ष  ने कहा कि सरकार श्रमिक कल्याण बोर्ड जो मेहनतकश मजदूरों के लिए बना है। लंम्बे संघर्ष के बाद 1996 में जब तीसरे मोर्चे की सरकार बनी थी एच डी देवगौड़ा  देश के प्रधानमंत्री थे। इस श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन हुआ था। हिमाचल में सीटू के लंम्बे संघर्ष ब कानुनी लड़ाई के बाद 2009 में बोर्ड का गठन किया गया। दुर्भाग्यपूर्ण आज तक तहसील स्तर पर बोर्ड का गठन नहीं किया गया। पंजीकृत मजदुरों को समय बेनेफिट नहीं दिए जा रहे हैं। दुसरी तरफ कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया को कठिन बनाया गया है। युनियन संबंधित सीटू ने मांग की है कि कोरोना संकट में सभी पंजीकृत मजदुरों को आर्थिक मदद मिले आनी में श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन हो। सीटू संयोजक आनी पदम प्रभाकर ने कहा कि सभी मजदुरों को संगठित  होकर संघर्ष करना चाहिए। अपने अधिकारों और हकों को बचाने के लिए संघर्ष एक मात्र रास्ता है। केंद्र की सरकार ने लेबर कोड बदल कर पूंजिपतियों के फायदे के हित में काम किया है। हायर एंड फायर   की नीति लागू कर रहे । सीटू नेताओं ने कहा कि मनरेगा में  120 दिन का रोजगार और रसीद , निर्माण मजदूरों और दुध  का न्युनतम समर्थन मूल्य को लेकर 23 फरबरी को आनी में प्रर्दशन करेंगे। उन्होंने सभी तमाम मजदुरों से 23 , 24 फरबरी की हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है । इस बैठक में शिमला जिला किसान सभा  के  महासचिव देवकी नंद ने कहा मजदुरों के साथ-साथ  मौजूदा  सरकार ने किसान विरोधी काम किया है। सरकार ने किसानों की खेती और कृषि को घाटे का सौदा बना दिया है। सरकारी अनुदान को लगातार खत्म किया जा रहा है। दुसरी तरफ कृषि खेती से जुड़े हुए सभी चीजों को बहुत मंहगा किया। निजीकरण की नितियों से किसान, बागबानों हालात दयनीय हो गई। दूध के मुल्य को संघर्ष तेज करेंगे और 23, 24 फरबरी की हड़ताल को सफल बनाएंगे। मजदूरों के इस हड़ताल में किसान भी शामिल होंगे। इस बैठक में सीटू अध्यक्ष  जिला शिमला कुलदीप डोगरा, सीटू संयोजक आनी, टिकम, बीर सिंह, निर्मला, दसमीं राम  मोहित, काकू, जोशी  व  अन्य दर्जनों लोग शामिल थे।

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