चम्बा में बागवानों को मिल रहा है विभागीय योजनाओं का लाभ-उपायुक्त

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प्रताप अरनोट

फीचर

सुरभि न्यूज़ ज़िला। चंबा में बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए  सरकार की योजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं । विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बागवानों को अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला चंबा में उद्यान विभाग द्वारा केंद और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न  योजनाओं का बेहतर  क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाया जा रहा है।  उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने बताया कि ज़िला में   एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत  कृषि उपकरण, जल भंडारण टैंक, फूलों की संरक्षित खेती आदि के लिए 50 प्रतिशत उपदान की सुविधा प्रदान की जा रही है। गत 4 वर्षों में 930 बागवानों को 103.16 लाख रूपए का अनुदान प्रदान किया जा चुका हैं।

 हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट  के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए डीसी राणा ने बताया कि बागवानों को समूह आधारित गतिविधियों के साथ जोड़कर  सिंचाई  सुविधाओं की व्यवस्था के साथ  उद्यानिकी के विभिन्न कार्यों को आधुनिक तौर पर विकसित किया जा रहा है। ज़िला  में गत चार वर्षों के दौरान 35 समूहों (क्लस्टरों) का चयन किया गया है। इसके  अंतर्गत 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल  भूमि में सिंचाई व्यवस्था करने का लक्ष्य है। इस परियोजना का कार्य समूह के सम्बन्धित जल उपयोगकर्ता संघ (Water User Association) द्वारा करवाया जा रहा है I विभाग द्वारा अभी तक 27 समूहों के जल उपयोगकर्ता संघ को 1294.60 लाख रूपए उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। के तहत ज़िला  में अब तक  40,000 उच्च गुणवता युक्त  पौधों का रोपण किया गया। बागवानों को आधुनिक तकनीक  की जानकारी के लिए उद्यान विभाग द्वारा  179 शिविरों  के माध्यम से 8478 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सिंचाई टैंक, वर्मिकोम्पोस्ट यूनिट, लघु स्तरीय मशरुम यूनिट इत्यादि की स्थापना के लिए  अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। गत 4 वर्षों में 137 बागवानों को लगभग 20 लाख रुपए की राशि बतौर अनुदान प्रदान की गई है । इसी तरह  प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में 4.71 लाख रूपए का अनुदान प्रदान करके 397 बागवानों को लाभान्वित किया गया। इस योजना में ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई करने हेतु अधिकतम 80 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाने का प्रावधान है । ज़िला में फूलों की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत पाॅली हाउस व पॉलीटनल स्थापित करने तथा पंखे व पैड आदि लगाने के लिए 85 प्रतिशत तक उपदान प्रदान किया जा रहा है जिला में इस योजना के अंतर्गत अभी तक 63.43 लाख रुपए का अनुदान 42 बागवानों को प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि बागवानी विकास योजना के अंतर्गत बागवानी में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए बागवानों को कृषि मशीनरी पर अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान  है। गत चार 4 वर्षों में 77.31 लाख रूपए का अनुदान प्रदान करके 204 बागवानों को लाभान्वित किया गया।

प्रदेश सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को स्वरोजगार का साधन बनाने के लिए मुख्यमंत्री मधु विकास योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत मौन  पालन के लिए मौन गृह और मौन वंश पर अधिकतम 80 प्रतिशत अनुदान व मौन पालन उपकरण इत्यादि पर अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्द करवाया जा रहा है। गत वर्षो में 63.25 लाख रूपए का अनुदान प्रदान किया जा चुका है जिसमें 1041 बागवानों को लाभान्वित किया गया। हिमाचल खुम्ब विकास योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा छोटी खुम्ब उत्पादन इकाई, खुम्ब कम्पोस्ट इकाई पर अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्द करवाया जा रहा है । इसके  अंतर्गत अभी तक 3.75 लाख रूपए का अनुदान प्रदान करके 40 बागवानों को लाभान्वित किया गया।

इसी तरह एंटी हैल नेट योजना के अंतर्गत बागवानी फसलों को ओलों से सुरक्षित रखने  की दृष्टि से ओला अवरोधक जाली लगाने के लिए बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान  है । गत 4 वर्षों में 24 बागवानों को 15.05 लाख रूपए का अनुदान प्रदान करके लाभान्वित किया गया। वहीं कृषि उत्पाद संरक्षण योजना की बात करें तो बांस व स्टील की स्थाई संरचना स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है अभी तक इस वर्ष 1.5 लाख रूपए का अनुदान प्रदान करके 4 बागवानों को लाभान्वित किया गया। जबकि वर्ष 2021-22 में शुरू की गई मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना में कीवी का बगीचा व सपोर्ट सिस्टम स्थापित करने हेतु अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है । उप निदेशक उद्यान विभाग डॉ. राजीव चंद्रा ने बताया कि विभागीय योजनाओं से लाभ लेने के लिए विभाग के किसी भी नजदीकी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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