सुरभि न्यूज़ चंबा। चंबा में ई-श्रम जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 1 लाख 40 हजार 600 कामगार व मज़दूर ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किए जा चुके हैं और लक्ष्य को 90 प्रतिशत तक पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने शेष लक्ष्य को जल्द पूर्ण करने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए। उपायुक्त डीसी राणा ने लोगों से भी आह्वान किया है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार व मज़दूर ई -श्रम पोर्टल https://eshram.gov.in पर पंजीकरण अवश्य करवाएं । डीसी राणा ने कहा कि ई श्रम कार्ड एक स्थायी कार्ड होगा और जीवन भर के लिए मान्य है । पंजीकरण के बाद लाभार्थियों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर मुफ़्त और भविष्य में असंगठित कामगारों के सभी सामाजिक सुरक्षा और 6 रोजगार योजनाओं के लाभ इस पोर्टल के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लिए 16 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के सभी मनरेगा मज़दूर, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर, मिड डे मील वर्कर, दूध बेचने वाले, मछुआरे, कन्स्ट्रक्शन काम में लगे मज़दूर, फेरीवाले, रिक्शा चालक, खेतों में काम करने वाले मज़दूर, घरों में काम करने वाले लोग, महिलाऐं, छोटे दुकानदार और दुकानों पर काम करने वाले वर्कर पात्र है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना
उपायुक्त डीसी राणा जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत लोगों को जोड़ने के लिए 7 मार्च से 13 मार्च तक नगर परिषद , नगर पंचायत और पंचायत स्तर पर विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि विशेष अभियान के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर, मिड -डे मिल वर्कर, मनरेगा वर्कर, ड्राइवर और सामान्य मजदूर को इस योजना के तहत पंजीकृत करना सुनिश्चित बनाया जाए। उपायुक्त ने बताया कि यह स्वैच्छिक और अंशदाई योजना है। इसके तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु और मासिक 15000 रुपए तक की आय वाले लोग पात्र हैं और सरकार के माध्यम से वित्त पोषित ईपीएफओ, ईएसआईसी और एनपीएस में पंजीकृत लोग पात्र नहीं होंगे। योजना के तहत कामगार द्वारा 60 साल की आयु पूरी करने के बाद 3000 रुपये की न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है। इस योजना के अंतर्गत आयु के हिसाब से 55 रुपए से लेकर 200 प्रतिमाह का अंशदान लाभार्थी को करना होगा जिसमें 50 प्रतिशत अंशदान भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।