सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। प्रदेश के निचले क्षेत्रों में गर्मी बढ़ जाने के कारण चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल के घुमंतू भेड़पालकों ने अपनी चारागाहों की तरफ रुख कर दिया गया है। गौरतलब है कि चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के भेड़पालक प्रतिवर्ष सर्दी का मौसम आते ही नबम्वर–दिसंबर माह में ही अपनी भेड़बकरियों के साथ बकरियों को चराने के लिए निचले गर्मी वाले इलाके में आ जाते है। सर्दियों का छह माह का सीजन काटने के बाद गर्मीयों का सीजन आते ही भेड़पालक अप्रेल माह के पहले सप्ताह ही पहाड़ी के उपरी क्षेत्र कि तरफ अपना रुख कर लेते है। हर वर्ष कि तरह इस बार भी अप्रैल माह के पहले सप्ताह से दोनों घाटियों के चार भेड़पालक अपनी भेड़ बकरियों को साथ ले कर पहाड़ों कि तरफ चल पड़े है। निचले गर्म मैदानी इलाके से आये घाटी में पहुंचे भेड़पालक श्याम सिंह, शेर सिंह, सुंदर सिंह तथा राजिन्द्र कुमार ने बताया कि वे सर्दी का मौसम नालागढ़, परमाणू, बद्दी तथा स्वारघाट क्षेत्रों में स्थित अपने नाम हुए जंगलों में लगभग छह माह का सर्दी का सीजन काटकर वहां पर गर्मी शुरू होते ही फिर से अपनी घाटियों में पहुँच जाते है। उनका कहना है कि इस बार निचले क्षेत्रों में गत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष गर्मी का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। जिस कारण वहां पर घास तथा पानी की कमी हो जाने से इस बार वे कुछ दिन पहले ही वापिस ऊपर वाले पहाड़ी इलाके में तरफ पहुँच गए है| उनका कहना है कि लगभग छह माह तक अपनी भेड़ बकरियों को ऊंची–ऊंची पहाड़ी चरागाहों में अस्सी से सौ किलोमीटर दूर बड़ा भंगाल घाटी की तरफ निकल जायेगें उसके बाद सर्दी का मौसम आते ही नवंबर-दिसंबर माह में फिर से भेड़ बकरियों सहित निचले क्षेत्रों का रुख कर देंगे।
2022-04-10