सुरभि न्यूज़ कुल्लू। ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू के रंगकर्मियों द्वारा कुल्लू के विभिन्न सरकारी स्कूलों में आयोजित की गई निःशुल्क नाट्य कार्यशालाओं से पनपे नाटकों के दो दिवसीय ‘बाल नाट्योत्सव’ का आगाज़ आरती ठाकुर द्वारा निर्देशित नाटक ‘धड़मुस्लू और साहूकार’ के मनोरंजक मंचन से हुआ। कलाकेन्द्र कुल्लू में ऐक्टिव मोनाल द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे इस नाट्योत्सव के दूसरी शानदार प्रस्तुति रंगकर्मी रेवत राम विक्की के निर्देशन में नाटक “दुविधा” रही।
पहला नाटक जो चम्बा पांगी की एक लोक कथा पर आधारित था, राजकीय प्राथमिक पाठशाला बदाह-1 के छात्रों ने प्रस्तुत किया। नाटक में धड़मुस्लू नामक एक गरीब व्यक्ति धमण्डी और लालची साहूकार को सबक सिखाता है। जबकि विजयदान देथा की कहानी ‘दुविधा’ पर आधारित नाटक राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठशाला भून्तर के छात्रों ने प्रस्तुत किया। नाटक की कहानी में एक नवविवाहित पति अपनी पत्नी को छोड़ व्यापार के लिए शहर जाता है और पीछे से एक भूत उसका रूप धरकर उसकी दुल्हन के साथ रहता है। नाटक एक औरत की व्यथा को दिखाता है कि उसके मन की कोई नहीं जान सकता। दर्शकों के रूप खासी संख्या में लोगों ने कला केन्द्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और बच्चों की नाट्य प्रस्तुतियों को खूब पसन्द किया।
नाटक धड़मुस्लू और साहूकार में यशपाल, कुनाल, आकांक्षा, रागिनी, हनिश्का, नमखा, सोनिया, सोनम डोलमा, मनमाया, तमांग , वैशाली और भावना आदि बच्चों ने जबकि नाटक दुविधा में मानसी अधिकारी, रितिका, किरना, विनय कुमार, अंशु शर्मा, रिताक्षी, नितिन, शौर्य, समीर, विपुल, रूपेष, पूनम, सोनिया, कंचन, तन्वी, सरन, विकास, शिवांगी, अंकिता, मुस्कान, आस्था और मेधा आदि बच्चों ने अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया। मंच संचालन नाट्योत्सव निर्देशक रंगकर्मी केहर सिंह ठाकुर ने किया और प्रस्तुतियों के बाद विषेश अतिथि के रूप में उपस्थित हिमाचल के जाने माने रंगकर्मी हितेश भार्गव ने मंच से अपने विचार साझा किए और बच्चों की प्रतिभा की भूरी भूरी प्रंशसा प्रसंशा की।