सुरभि न्यूज़
कुल्लू
रेनबो थिएटर एंड आर्ट क्लब बदाह, कुल्लू द्वारा सहादत हसन मंटो की कहानी टोबा टेक सिंह का प्राइ्रमरी स्कूल कोलीबेहड़ के प्रांगण में एक अभिनय के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया। जीवानन्द चैहान द्वारा अभिनीत व निर्देशित इस प्रस्तुति को विद्यालय के बच्चों, अध्यापकों व आसपास के ग्रांमीणों ने देखा और सराहा। यह कहानी भारत के विभाजन के समय लाहौर के एक पागलखानें के पागलों के बारे में है। विभाजन के बाद दोनों मुल्कों की सरकारों ने तय किया कि आम नागरिकों की तरह हिन्दू, सिख और मुसलमान पागलों की भी अदला बदली की जाए। कहानी में लाहौर के पागलखाने में बिशन सिंह नाम का एक पागल था, जो टोबा टेक सिंह नामक जगह का निवासी था। उसे भी जब हिन्दुस्तान भेजने की बात आई तो वह बाॅर्डर पर बैठ कर अढ़ गया कि टोबा टेक सिंह कहां है हिन्दुस्तान में या पाकिस्तान में। अन्त में वह वहीं खड़ा रहता है और पुलिसवालों के हिलाने से भी नहीं हिला। रात भर अदला बदली लगी रहती है सुबह देखते हैं कि बिशन सिंह उसी ज़मीन पर औंधे मुंहू लेटा था असल में जिसका नाम टोबा टेक सिंह था। अर्थात उसकी ज़मीन अब न भारत रही थी और न ही पाकिस्तान बल्कि बाॅर्डर की नो मेन्स लैंड बन चुकी थी। मंच पाश्र्व में राहुल और तापे राम ने जीवानन्द का साथ दिया।