श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर पैदल रास्ते किए ठीक

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सुरभि न्यूज़ आनी
सी आर शर्मा
समुद्रतल से लगभग 18570 फुट की गगनचुंबी ऊंचाई पर स्थित उत्तरी भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्रा इस वर्ष प्रशासन की देखरेख में 11 जुलाई से 24 जुलाई तक आयोजित की जा रही है।जिसके लिए जिला व उपमण्डल प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर लीं हैं। श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा में जाने बाले देशभर के यात्रियों के लिए साल 2022 की यात्रा में नए बदलाव किए गए है। ग्राम पंचायत चायल की प्रधान सुषमा हंस ने बताया कि कॅरोना काल के कारण इस वर्ष दो साल के अंतराल के बाद श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी। जिसके लिए निरमंड के जाओ गांव से सिंहगाड बेस कैम्प तक सड़क व पैदल रास्ते ठीक कर दिए गए है।जिससे बेसकैम्प तक पहुंचना आसान हो गया है। प्रधान सुषमा बंसल ने बताया कि यात्रा के बेस कैम्प सिंहगाड तक सड़क बनने से श्रीखंड यात्रा की दूरी लगभग 1 घण्टा कम हुई है। बेसकैम्प सिंहगाड में 11 जुलाई से सभी श्रीखंड यात्रियों का पंजीकरण किया जाएगा। जबकि मेडिकल टीम प्रत्येक श्रद्धालू के स्वास्थ्य की जांच भी करेगी।शारिरिक रूप से अस्वस्थ व बीमार व्यक्ति को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रधान शुषमा हंस ने सभी यात्रियो से आग्रह किया है कि यात्री आराम से यात्रा करें।मार्ग में कूड़ा कचरा, बिस्कुट, चॉकलेट के रेपर व प्लास्टिक खुले में न फैंके। पैदल रास्ते में खुले में शौच आदि न करें। यात्रियों के लिए मार्ग में अस्थाई शौचालय भी बनाये गए है। यात्रियों को पीने के पानी की व्यवस्था अंतिम बेसकैम्प पर्वतीबाग तक मिलेगी। श्रीखंड ट्रेकिंग यूनिट के संचालक दलीप ठाकुर ने कहा कि इस बार श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा में आने जाने वाले यात्रियों के लिए स्वीमिंग पुल का निर्माण किया गया है जिसमे सभी श्रद्धालुओं को आनंद मिलेगा। सिंहगाड बेसकैम्प में स्वागत द्वार पर सभी श्रद्धालुओं के लिए 1 जुलाई से निशुल्क भंडारा शुरू किया जाएगा जिसमें चाय पानी नाश्ता, खाना व मिष्ठान की निशुल्क व्यवस्था शुरू कर दी गई है। रविवार को प्रधान ग्राम पंचायत चायल की प्रधान शुषमा हंस ने पैदल रास्तो का निरीक्षण भी किया। श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की ओर से रास्तो को ठीक कर दिया गया है। 11 जुलाई से सभी यात्री आराम से यात्रा पूरी कर सकेंगे।

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