सुरभि न्यूज़
जोगिन्दर नगर
जोगिन्दर नगर स्थित हर्बल गार्डन में मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के अंतर्गत गठित चौंतड़ा ब्लॉक की खंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक एसडीएम जोगिन्दर नगर डॉ. मेजर विशाल शर्मा की अध्यक्षता में की गई। बैठक का संचालन बाल विकास परियोजना अधिकारी चौंतड़ा बीआर वर्मा ने किया जबकि एसडीएम जोगिन्दर नगर ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विकास परियोजना चौंतड़ा के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 6 वर्ष से नीचे बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं को शत प्रतिशत पूरक पोषण उपलब्ध करवाया जा रहा है। पूरक पोषण के तहत चौंतड़ा ब्लॉक में 6 माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के 2916 बच्चे तथा 829 गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं। साथ ही 15 से 45 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों व महिलाओं के लिये पोषाहार एवं स्वास्थ्य शिक्षा बारे आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिमाह जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा गत तीन माह के दौरान चौंतड़ा ब्लॉक में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 0-6 आयु वर्ग के कुल 1375 बच्चों तथा 179 गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य जांच भी की गई है। उन्होंने 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में पोषण के साथ-साथ स्वास्थ्य स्तर में व्यापक सुधार सुनिश्चित बनाने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा ग्रामीण विकास विभाग को मिलकर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के सामूहिक प्रयास के चलते जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के पोषण सुधार के साथ-साथ विभिन्न तरह की बीमारियों जैसे एनीमिया, पेट में कीड़े (कृमि) इत्यादि का पता लगाकर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए तो वहीं किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान निजी स्वच्छता अपनाने के साथ-साथ गर्भवती व धात्री महिलाओं में भी प्रसव पूर्व व बाद में होने वाली विभिन्न बीमारियों एवं समस्याओं के प्रति व्यापक जन जागरूकता भी लाई जा सकती है। उन्होने जन्म के बाद बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के लिये जहां संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने तो वहीं जन्म के बाद बच्चों में होने वाली विभिन्न बीमारियों के साथ-साथ कुषोषण बारे भी जागरूकता लाने पर बल दिया। उन्होने बताया कि चौंतड़ा ब्लॉक में गत तीन माह के दौरान कुल 7 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में पाए गए हैं। इन सभी अति कुपोषित बच्चों की प्रतिमाह दो बार आंगनबाड़ी केंद्रों में आशा कार्यकर्ता के समन्वय के साथ नियमित तौर पर निगरानी तथा विशेष पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। बच्चों में दस्त व निमोनिया का शीघ्र पता लगाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे उपायों बारे भी 2 दिन के भीतर डाटा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। साथ ही बच्चों व किशोरियों में एनीमिया की बीमारी का समय पर पता लगाने के लिये विशेष पहल करने के भी निर्देश दिये।