अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं के समाधान में भूमिका विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी की आयोजित

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

शिमला

हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं के समाधान में भूमिका विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने शिमला की।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजना का सही क्रियान्वयन हो, इसके लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा।

आजादी की लड़ाई के साथ-साथ फौज में भी अनेक मोर्चों पर इस वर्ग के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम में इस वर्ग से जुड़े लोगों के नाम उभर कर सामने आए, इसके लिए अनुसूचित जाति से सम्बद्ध विभिन्न संगठनों को गंभीरता से कार्य करना होगा।

उन्हांेने कहा कि भारत के इतिहास की धार्मिक व सामाजिक पृष्ठ भूमि में अनुसूचित जाति से सम्बद्ध लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

रामायण, महाभारत के रचयिता, वेदों को लिखने वाले तथा अनेक काव्यों ग्रंथों को गढ़ने वाले महा पुरुष इसी वर्ग से संबंध रखते थे।

भारत को सामाजिक तौर पर सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए बाबा भीमराव अम्बेडकर को सदैव याद किया जाता है।
उन्होंने कहा कि देश में अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों के संरक्षण व समस्याओं के निराकरण तथा हितों के सुरक्षण के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है।

हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि अनुसूचित जाति विकास योजना के तहत सरकार से प्राप्त पैसा इस वर्ग के उत्थान के लिए हो।

इस वर्ग के साथ अस्पृश्यता अथवा जातिवाद के प्रति संवैधानिक आधार पर कानूनी संरक्षण का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके, इसके लिए आयोग द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित वर्ग के बच्चों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ सुनिश्चित हो, इस दृष्टि से भी आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाता है।

संगोष्ठी के प्रथम सत्र में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी पी.एस. धरैक ने आजादी के 75 वर्षों में भारत के अनुसूचित जाति वर्ग की सामाजिक, आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन

द्वितीय सत्र में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन आफ लाॅ प्रो. संजय सिंधु ने आजादी के 75 वर्षों में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए बने कानूनों व संविधान में विभिन्न प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन

तृतीय सत्र में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. नैन सिंह ने आजादी के 75 वर्षों में अनुसूचित जाति वर्ग की शैक्षिक एवं प्रशासनिक स्थिति का आलोचनात्मक अध्ययन

चौथे सत्र में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अम्बेडकर चेयर के अध्यक्ष प्रो. चमन लाल बंगा ने आजादी के 75 वर्षों में अनुसूचित जाति के लिए बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के दर्शन का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक प्रभाव पर विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक की अध्यक्ष शशि बाला, हिमकोफैड के अध्यक्ष कौल नेगी, अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य जगजीत बग्गा, अजय चैहान, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नितिन, एपीएमसी ऊना के अध्यक्ष बलबीर सिंह बग्गा तथा प्रदेश में अनुसूचित जाति से सम्बद्ध 18 विभिन्न संगठनों के 80 प्रतिनिधियों ने इस संगोष्ठी में भाग लिया।

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