चैहार घाटी तथा छोटाभंगाल दोनों क्षेत्रों को मिला कर एक विधानसभा क्षेत्र बनाया जाये-रामसरन

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सुरभि न्यूज़

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल आपस में साथ लगती विकास में पिछड़ी व दुर्गम घाटियाँ हैं जो जिला कांगड़ा व मण्डी के अलग-अलग विधनसभा क्षेत्रों में होने के कारण हमेशा विकास के लिए तरसती रही है। दोनों क्षेत्रों में आपस मेेेेेेेेेें उहल नदी का आर पार का फासला मात्र आध से एक किलोमीटर है। कांगड़ा व मण्डी के दोनों विधनसभ क्षेत्रों को अलग-अलग एक ही जगह बरोट तथा मुल्थान में कार्यालय खोलने पड़ रहे है जिससे प्रदेश सरकार को भारी आर्थिक राजस्व घाटा झेलना पड़ रहा है। इन दोनों क्षेत्रोेेेेें को इकटठा कर एक विधनसभा क्षेत्र में समयोजित करने की मांग दोनों क्षेत्रों के पूर्व व वर्तमान पंचायत प्रतिनीधियों ने कई बार उठाई मगर बोट बटोरने की राजनीति के कारण आज तक कांग्रेस तथा भाजपा कोई भी प्रदेश  सरकार दोनो क्षेत्र के निवासियों को निर्णय नहीें दे पायाी जो एक सोचनीय विषय है। चौहार घाटी के समाज सेवक रामसरन चौहान ने बताया कि वर्ष 1983 बरोट में आए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर भद्र सिंह ने दोनों क्षेत्र के निवासियों की परेशानियां समझते हुए बरोट में सार्वजनिक मंच से दोनों क्षेत्र को समयाजित करने की घोषणा की थी अगर दोनों क्षेत्र के लोग एक मत हो जाए तोे इसी समय इन दोनों क्षेत्रों को मिला कर एक क्षेत्र बनाने की घोषणा कर देंगे मगर राजनीतिक हस्ताक्षेप के कारण यह संभव ही नहीं हो पाया। उनका कहना है कि अब दोनों क्षेत्र के लोगों की आशा की किरण प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर ही टीकी हुई है जो इस समस्या के बारे में पूर्णतय परिचित है क्योंकि वर्ष 1998 में वे एक पखबाड़े तक यहाँ प्रवास कर चुके हैं। उस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि वे इन घाटियों के विकास में अवश्य ही योगदान देंगे। रामसरन चैहान ने कहा कि 12 सितम्बर को मण्डी के पद्धर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दौरे पर आ रहें है। दोनो क्षेत्रवासियों ने पूर्ण आशा जताई है कि उस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनकी इस गंभीर समस्या का अवश्य ही समाधान करेगें।

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