सुरभि न्यूज़
बिलासपुर
बिलासपुर जिला के उत्तर पश्चिम सीमा पर राजाओं के समय का बना बछरेटू किला आज अपनी दशा पर और सरकारी उपेक्षा पर खून के आंसू बहा रहा है। गत दिन बिलासपुर के कलाकारों और कलमकारों की अग्रणी संस्था कल्याण कला मंच बिलासपुर का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधान सुरेन्द्र मिन्हास के नेतृत्व में बछरेटू किले के भ्रमण पर गया। किले के वर्तमान स्वरुप को देख कर हैरानी हुई कि पुरातत्व विभाग, प्रदेश सरकार, प्रशासन व संस्कृति विभाग ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से संपन्न किला अपना स्वरूप खोता जा रहा है।मंच के अध्यक्ष सुरेन्द्र मिन्हास और अन्य भ्रमण में शामिल पदाधिकारियों चंद्र शेखर पन्त, अमर नाथ धीमान, तृप्ता कौर, बीना वर्धन, हेम राज शर्मा, विजय सहगल, बुधि सिंह चंदेल, रविन्द्र ठाकुर, ललिता कश्यप, सरस्वती शर्मा, बीना चौधरी, जय महलवाल, चिन्ता देवी सहित दर्जन भर अन्य कलाकारों ने उपरोक्त विभागों से मांग की है कि बछरेटू किले तक कार योग्य सडक पहुंचाई जाये। साथ ही किले कि टूट रही चार दिवारी की रिपेयर करवाई जाये और किले के भीतरी भाग को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाये। ज्ञात रहे कि शाहतलाई और बाबा बालकनाथ के दर्शनों के लिये किले के पास से हजारों श्रद्धालु गुजरते हैं किन्तु जानकारी और प्रचार प्रसार के अभाव के चलते कोई किले तक नहीं जा पाता साथ ही वहां बिना रास्ते के पहुंचना भी सम्भव नहीं। कल्याण कला मन्च ने मांग की है कि आजादी का अमृत महोत्सव असल में तब माना जायेगा जब बिलासपुर के धराशायी होते जा रहे बछरेटू किले की सरकार प्रशासन और विभाग सुध ले खैर और इसे पर्यटक स्थल के रुप में प्रतिसठित करे।