आनी के हलोचा गांव की बेटी महिमा कौशल ने छुई कामयाबी की उड़ान, कतर एरजवेज दोहा में चयनित हुई एयरहोस्टेस

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सुरभि न्यूज़ डेस्क
सी आर शर्मा, आनी
कहते हैं कि “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। जी हां ऐसी की कुछ हौसलों की उड़ान भरी है, आनी क्षेत्र की कमांद पंचायत के गांव हलोचा(तनोड़ा) की होनहार बेटी महिमा कौशल ने।
जिसकी अपनी सच्ची लगन और कड़ी मेहनत के बाद हाल ही में कतर एरजवेज दोहा में बतौर एयरहोस्टेस का मुकाम हासिल किया है। बेटी की उपलब्धि से उसके पिता मोहर सिंह.माता कला देवी, दादी देवकी देवी व अन्य परिवारजन खुशी से फुले नहीं समा रहे।
महिमा कौशल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर आनी से दसवीं तक की शिक्षा साँई विद्या पब्लिक स्कूल रामपुर बुशैहर और जमा दो की शिक्षा पोर्टमोर स्कूल शिमला से उतीर्ण की और उसके बाद अपने बड़े भाई विवेक कौशल जोकि मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं की प्रेरणा और माता पिता के प्रोत्साहन से एयरबेज में जाने का मन बनाया।
जिसके लिए महिमा ने एयरहोस्टेस का बेसिक प्रशिक्षण बेसिक प्रेंकफिन शिमला  में प्रभारी शीलू मैडम की देखरेख में और द्वितीय प्रशिक्षण चंडीगढ़ और तीसरा व अंतिम प्रशिक्षण नई दिल्ली से प्राप्त किया।
महिमा कौशल ने हाल ही में कतर एयरबेज दोहा के लिए अपना साक्षात्कार दिया और हिमाचल प्रदेश से इस एअरबेज के लिए  चयनित हुई।
महिमा के पिता मोहर सिंह पुलिस विभाग में कार्यरत हैं जबकि माता कला देवी एक कुशल गृहणी हैं और भाई विवेक मर्चेंट नेवी में कार्यरत है।
महिमा का कहना है कि वह एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखती है और इस उपलब्धि का श्रेय वह अपने माता पिता व गुरुजनों के अलावा  अपने बड़े भाई विवेक, दादा स्व.सिंगू राम, दादी देवकी देवी, नाना सोहन लाल खाची व नानी टिकमा देवी को देती है।
महिमा की यह कामयाबी की उड़ान दूसरों के लिए एक प्रेरणा है। माता कला देवी व पिता मोहर सिंह को अपनी होनहार बेटी पर नाज है।
हिम संस्कृति संस्था के अध्यक्ष शिवराज शर्मा ने महिमा की इस कामयाबी पर बधाई दी है और कहा कि बेटियाँ आज हर क्षेत्र में अपना नाम ऊँचा कर रही हैंजो दूसरों के लिए एक प्रेरणा है।

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