सुरभि न्यूज़, कुल्लू।
सूत्रधार कला संगम कुल्लू द्वारा हर वर्ष की भांति इस बार भी होली गायन की परम्परा को निभाते हुए 23वीं सूत्रधार होली संध्या कार्यक्रम का आयोजन 21 मार्च 2021 रविवार को देवसदन कुल्लू के सभागार में बड़ी धूमधाम से किया गया | इस 23वीं सूत्रधार होली संध्या कार्यक्रम में होमेंद्र महंत प्रधान द न्यू हिमाचल हिल ट्रक ऑपरेटर यूनियन कुल्लू व चेयरमैन शिरड़ काईका मेला कमेटी ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की तथा साथ ही संगीत प्रेमी विपिन खट्टर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे |
संस्था द्वारा इन्हें कुल्लवी परम्परा अनुसार शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया | इस मौके पर विशेष रूप से पधारे नगर परिषद कुल्लू की उपाध्यक्षा आशा महंत, पार्षद निर्मला देवी, पार्षद उमा पाल, पार्षद कुब्जा ठाकुर, पूर्व पार्षद उर्मिला सूद, पर्व पार्षद बन्तो चौधरी, हेमा शर्मा, विजय सेन, नवीत शर्मा, मुन्ना सूद, वीर चंद ठाकुर, मनोज सूद, राजेन्द्र सूद, संजीव भारद्वाज आदि को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम के स्वागत भाषण में संस्था अध्यक्ष दिनेश सेन ने मुख्यातिथि, अति विशिष्ट अतिथि, मिडिया तथा आये हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और जानकारी दी कि कुल्लू जनपद में भगवान् रघुनाथ जी के आगमन से ही होली गायन तथा होली उत्सव को मनाये जाने की परम्परा सदीयों से चली आ रही है किन्तु समय परिवर्तन के कारण धीरे-धीरे यह समृद्ध परम्परायें क्षीण होती जा रही है, ऐसे में लगभग 23 वर्ष पूर्व सूत्रधार कला संगम द्वारा कुल्लू जनपद में होली संध्या के नाम से कार्यक्रम आरम्भ करके होली गायन व उत्सव को संरक्षित रखने का बीड़ा उठाया गया है तथा इसी कड़ी में इस बार भी 23वीं सूत्रधार होली संध्या का आयोजन किया गया |
इस संगीतमयी कार्यक्रम को रसीला बनाने में संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व संगीत प्रभारी यनिन्द्र कपूर तथा प्राचार्य संगीत अकादमी पं० विद्यासागर का सफल योगदान रहा | कार्यक्रम में कुल्लू के प्रचलित पारम्परिक होली गीतों तथा राम कुमार कपूर के द्वारा रचित होलियों का गायन सूत्रधार कला संगम के कलाकारों द्वारा किया गया | कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया, जिसमें हरो रे भोले नाथ, मत मारो पिचकारी, तू वावरी बन आई, राधिके कान्हा तेरा, सुंदर नार अटार खड़ी, वन को चले दोनों भाई, मैं न खेलती थी शाम से, सखी फैंको फैंको गुलाल रे, तेरी मथुरा जोगन बन आई, नौऊंई चिड़ी जैबे बूटी न, मोहे मार गयो पिचकारी, होली रे रौंग बाजे ढोले री ताले, खेले मशाने में होली दिगम्बर, कैलाश बसे शिव जटाधारी, आज किती न कन्ते मेरी याद, रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे, आया फाल्गुन महिना तथा लेके नई उमंग आदि होली गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई | इस 23वीं सूत्रधार होली संध्या में अपनी गायकी से लाल सिंह, जीवन बुडाल, संजय, मोहित, सन्नी, ट्विंकल, खुशबू भारद्वाज, पल्लवी, करिश्मा तथा धनवंती ने दर्शकों का दिल जीत लिया | इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन संस्था के महासचिव सुंदर श्याम महंत द्वारा बेहद ही खूबसूरत व शायराना अंदाज में निभाया गया | कार्यक्रम दौरान बैंड में यनिन्द्र कपूर ने हारमोनियम, पं. विद्यासागर ने तबला, ए.के. अनुपम ने लीड किबोर्ड, हरीश ने बैकिंग किबोर्ड, अमित ने ऑक्टोपॅड, दीपक ने ढोलक व हैण्डसोनिक, सुरेन्द्र ने लीड गिटार तथा हर्षित ने बेस गिटार में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया | इस मौके पर कुल्लू जनपद की 93वें वर्षीय महान विभूति श्री राम कुमार कपूर जी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे तथा संस्था द्वारा इन्हें भी कुल्लवी परम्परा अनुसार शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट करके विशेष सम्मान दिया गया |
इस 23वीं सूत्रधार होली संध्या कार्यक्रम में राम कुमार कपूर द्वारा रचित एक नवीन होली “होली रे रौंग बाजे ढोले री ताले” को गाया गया और इन्ही की रचना “नौऊंई चिड़ी जैबे बूटी न वाशली” को लाल सिंह द्वारा रिकॉर्ड करके विमोचन किया गया जिसे 28 मार्च को यूट्यूब पर रिलीज किया जायेगा | इस कार्यक्रम की सम्पूर्ण व्यवस्था को संस्था अध्यक्ष दिनेश सेन सहित वरिष्ठ उपाध्यक्ष यनिन्द्र कपूर, उपाध्यक्ष कंवर वीरेंद्र सिंह, महासचिव सुंदर श्याम, वित्त सचिव विजय गोएल, प्रैस सचिव राजेश शानू, सचिव मोनिका सागर, मंजुलता शर्मा व सुदेश कुमार , नाटक प्रभारी अतुल गुप्ता, भण्डार प्रभारी तिलक राज चौधरी, संगीत सहप्रभारी प्रदीप कपूर व यशोदा शर्मा, वित्त सहसचिव जोंगेंद्र ठाकुर, लोकनृत्य सहप्रभारी सीमा शर्मा, प्राचार्य संगीत अकादमी पं० विद्या सागर, प्रबंधक उत्तम चन्द, सहयोगी तेजेंद्र कुमार, साउंड इंजीनियर नीरज शर्मा बोबी तथा तेजा सिंह ने बड़ी बखूबी से निभाया |