उपायुक्त पंकज राय द्वारा सह-संज्ञानात्मक विषय के रूप में ठोस कचरा प्रबन्धन पर स्कूली बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से गतिविधि – निर्देशिका का विमोचन

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सुरभि न्यूज़, केलोंग।
सह-संज्ञानात्मक विषय के रूप में ठोस कचरा प्रबन्धन पर स्कूली बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से गतिविधि – निर्देशिका बनाई गई, जिसका विमोचन आज ज़िला मुख्यालय केलांग में उपायुक्त पंकज राय द्वारा किया गया। ठोस कचरा निष्पादन  के विषय को सह-संज्ञानात्मक गतिविधि के रूप में शामिल करने वाला लाहौल-स्पीति हिमाचल का पहला ज़िला बन गया है। उपायुक्त ने बताया कि इस गतिविधि -निर्देशिका के माध्यम से बच्चों को ठोस कचरा प्रबन्धन  सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक पहलुओं प्रशिक्षित किया जाएगा। यह गतिविधि- निर्देशिका दो खंडो में तैयार कर प्राथमिक स्तर पर संक्षिप्त- सरल एवं माध्यमिक स्तर पर विस्तृत,  दृश्य -श्रव्य माध्यम के के रूप में  उपलब्ध करवाई गई है। इसके माध्यम से स्कूली छात्रों को ठोस कचरा प्रबन्धन, ठोस कचरा के दुष्प्रभावों, तथा कूड़ेदान का महत्व के बारे में प्रशिक्षित कर के व्यापक स्तर पर समाज में इस संदेश को पहुँचाया जाएगा। रॉय ने कहा की ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता को देखते हुए स्कूली बच्चों को इस विषय में विशेष रूप से जागरूक करने के लिए यह टॉपिक  पायलट आधार पर कुछ स्कूलों के सह-संज्ञानात्मक  गतिविधि विषय  में जोड़ा गया था, ताकि स्वच्छता के साथ-साथ ठोस कचरे के प्रबंधन के प्रति छात्र-छात्राओं के माध्यम से हर घर- परिवार को जागरूक किया जा सके। भविष्य में यहाँ पर्यटकों की संख्या बढ़ने तथा कई प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों के शुरू होने से लाहौल- स्पीति जिले में ठोस कचरा के निदान की समस्या आएगी, जिसके लिए सभी लोगों को जागरुक एवं तैयार करना आवश्यक है। उन्होंने कहा की स्कूली बच्चे किसी भी संदेश के संप्रेषण का एक प्रभावी व व्यापक माध्यम बनते हैं, विशेषकर जब अपने परिवेश व पर्यावरण से संबंधित जागरूकता की बात आती है, तो वह प्रत्येक घर -परिवार तक संदेश पहुंचाने में सहायक होते हैं। इसी उद्देश्य से भविष्य में ‘ठोस कचरा प्रबंधन’ की नीति को सुचारू रूप से से लागू करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस टॉपिक पर गतिविधि – निर्देशिका, को स्कूली बच्चों के लिए सह-संज्ञानात्मक गतिविधियों में शामिल किया गया है। इस विषय को प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के बच्चों अनौपचारिक रूप से पढ़ाया जाएगा, ताकि वह इसमें रुचि ले सके और इसे दबाब के रूप में महसूस न करें।  बच्चों को इससे संबंधित कई  ज्ञानवर्धक  वीडियो व शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे कि वह रुचि पूर्ण ढंग से इस विषय पर अपनी समझ बढ़ा सकें। लाहौल-स्पीति में गीले कचरे को लोग पहले से ही खेतों में खाद के रूप में प्रयोग करते हैं;  ठोस कचरे के निदान के लिए एक योजना बनाई गई है, इसको कि शीघ्र लागू किया जाएगा, जिससे कि लाहौल के सुन्दर वातावरण में प्रदूषण फैलने से रोका जा सके। पंकज रॉय ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए हमने आईआईटी दिल्ली से एक एमओयू साइन किया है तथा जल्द ही पूरे लाहौल में ठोस कचरे के एकत्रीकरण, प्रबन्धन व निदान की व्यवस्था लागू की जाएगी।  पहले चरण में 43 लाख रुपये की लागत सिस्सु उदयपुर, त्रिलोकनाथ, तांदी संगम, दीपकताल, चंद्रताल आदि पर्यटक स्थलों पर कुल 50 टॉयलेट स्थापित किये जा रहे हैं। साथ ही नगर निगम शिमला के सौजन्य से 20 डंपर व एक वाहन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कर दी गई है।  बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्कूल खुलने पर प्रत्येक सप्ताह में एक दिन छात्रों-शिक्षकों द्वारा परिसर की स्वच्छता का अभियान चलाया जाएगा। 15 अप्रैल को सभी महिलमंडलो, युवा मण्डलों तथा प्रशासन द्वारा पूरे लाहौल-स्पीति में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर ज़िला परिषद अध्यक्ष रमेश रुअलवा, प्रिंसिपल डाइट सुरेश कटोच सहित, शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित डाइट के स्टाफ़ भी उपस्थित रहे। समस्त पंचायत प्रधान, सचिव व शिक्षक भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।