सुरभि न्यूज़ शिमला। हिमाचल सरकार द्वारा निजी स्कूल फीस नियामक बिल विधानसभा में प्रस्तुत कर पास किए जाने की खबर फरवरी , मार्च महीने में समाचार पत्रों के शीर्ष पन्नों में स्थान पाती रही। कहा जा रहा था कि इस बिल के कानून बन जाने के उपरांत प्रदेश में निजी स्कूलों के मालिकों और अभिभावकों बीच बनी खाई को पाटने का काम करेगा और शिक्षा के मानकों में सुधार आएगा। हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला के सचिव आचार्य सी एल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि ना तो यह लोकलुभावन बिल विधानसभा में पेश हुआ और ना ही इस पर अभी कोई चर्चा हो रही है। इसके विपरीत प्रदेश के कुछ निजी स्कूलों द्वारा नए शिक्षा सत्र में फीस बढ़ाये जाने का समाचार प्राप्त हो रहा है। हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला अनवरत तरीके से हिमाचल प्रदेश की सरकार से गुहार लगाता आ रहा है कि इस निजी स्कूल फीस नियामक कानून को जल्द से जल्द लागू करके हमारे प्रदेश की शिक्षा उन्मुख, विकासोन्मुख एवं प्रदेश सरकार के अनुररूप ही कार्य एवं प्रतिक्रिया करते हुए अतिशीघ्र निजी स्कूल फीस नियामक कानून प्रदेश में लागू कराएं। हमें यहाँ पर यह बताना भी अतिश्योक्ति नहीं लगता है कि हमारे इस संगठन के सभी सदस्य प्रदेश की इस सरकार के शुभचिंतक हैं। हम यहाँ पर यह भी कहना चाहेंगे कि प्रदेश के अधिकतर अभिभावक उपरोक्त कानून का बहुत ही बेसव्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं ओर हो रही अधिक देरी से उनमें रोष भी पैदा कर सकती है। जिसे भुनाने में प्रदेश की सरकार के कई प्रतिद्वंदी कोई कसर नहीं छोडेंगे और आजकल समाचार पत्रों के माध्यम से यह भी मालूम पड़ रहा है कि उन्होंने कुछ हद तक भुनाने की भी शुरू कर दिए हैं। हमारा यह संघ एक शुभचिंतक होने के कारण इस बात से भी डर रहा है कि कहीं प्रदेश सरकार को इस निजी स्कूल फीस नियामक कानून को पास करने में देरी के कारण प्रदेश के अभिभावक बहुत नाराज़ ना हो जाएं। यहाँ तक कि तीन अप्रैल को प्रदेश सरकार की छात्र संघ इकाई ने भी इस कानून को लागू करने में देरी होने पर विरोध भी जताया है। जैसे कि हरेक को मालूम है कि प्रदेश में लगभग ऐसा कोई परिवार नहीं है जिनके बच्चे शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थान नहीं जाते। इस तरह लगभग शत-प्रतिशत जनता शिक्षा से जुडी है। उपरोक्त विवरण के आधार पर हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला कार्यकारिणी के सदस्य क्रमशः आचार्य सी एल शर्मा-सचिव, हरी शंकर तिवारी-सलाहकार , श्री पवन मेहता- मीडिया प्रभारी, डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक, श्री कुलदीप सिंह -कोषध्यक्ष, जीतेन्द्र यादव-उपाध्यक्ष, श्रीमती कुसुम शर्मा , श्री हमिंदर धौटा ,श्रीमती रीता चौहान, श्रीमति प्रतिभा, श्री सुरेश वर्मा , श्रीमती हेमा राठौर, श्री ज्ञान चन्द, श्री अम्बिर सहजटा, श्रीमति प्रियंका तंवर, श्री रमेश कुमार ठाकुर-अध्यक्ष, तारा चन्द थरमाणि-कुल्लू शाखा एवं कर्यकारिणी के अन्य सदस्य फिर से मांग करते है कि माननीय शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश एवं मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश इस मामले में संज्ञान लें और अतिशीघ्र निजी स्कूल फीस नियामक बिल आगामी विधानसभा सत्र में पास कर के प्रदेश के निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के अभिभावकों को इस बेतहाशा फीस वृद्धि से राहत प्रदान करें।