कैबिनेट मन्त्री डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने प्रशिक्षण शिविर में किया बीज एवं सेब पौधों का आवंटन

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सुरभि न्यूज़ केलांग । तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्री डॉ रामलाल मारकंडेय ने भारतीय कृषि अनुसन्धान केन्द्र दिल्ली तथा कृषि विज्ञान केन्द्र कुकुमसेरी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में  मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया। डॉ मारकंडा ने कहा कि लाहौल-स्पिति में नई कृषि, बागबानी तकनीकों के प्रसार के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, जिसका हमें पूरा लाभ लेना चाहिए। उन्होंने 278 लोगों को सेब के पौधे, मटर बीज, तथा न्यूट्रिगार्डेन किट तथा प्रूनिंग टूल का आबंटन किया। उन्होंने कहा कि शेष लोगों को कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा ये चीजें घर पर पहुंचा दी जाएंगी। तथा पिछले वर्ष जिनको साइकल हल नहीं मिले पाए हैं, उन्हें साइकल हल भी प्रदान किये जायेंगे।डॉ मारकंडा ने कहा कि कृषि एवं बागवानी पर्यटन के के सहयोगी व्यवसाय हैं, जिनके मज़बूत होने से ही सतत एवं स्वच्छ पर्यटन का बिकास होगा। लाहौल-स्पीति ‘स्नो फ़ेस्टिवल’ का 75 दिनों तक सफ़ल आयोजन करने वाला न केवल देश का बल्कि दुनिया का पहला ज़िला बन गया है। उन्होंने जानकारी दी कि मंगलबार को ही बैंगलोर की कम्पनी , ‘वेली हीटिंग सोलुशन’ के सहयोग से क्षेत्रीय अस्पताल केलांग में राज्य का पहला आधुनिक इंडोर हीटिंग सिस्टम स्थापित किया गया है, इस पायलट प्रोजेक्ट का उन्होंने उद्घाटन किया है, जो कि 70 प्रतिशत तक ऊर्जा की खपत को कम करता है। इस तकनीक को हॉटल एवं होमस्टे में लगाना पर्यटन की दृष्टि से काफ़ी कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आज की  कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम की परियोजना के अंतर्गत लोगों को न्यूट्री गार्डन किट, गुणवत्ता युक्त चारा, पॉवर स्प्रेयर, ब्रश कटर, स्प्रिंकलर आदि उपकरण मुफ़्त में वितरित किये जायेंगे। एक करोड़ की ऐसी ही अन्य परियोजना जो कि जनजातीय उप योजना के अंतर्गत मंज़ूर हुई है, शीघ्र ही शुरू होगी। कृषि विकास केन्द्र कुकुमसेरी के उपनिदेशक डॉ विनोद शर्मा ने परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि जनजातीय विकास मन्त्री डॉ रामलाल मारकंडा के विशेष प्रयासों से लाहौल-स्पीति में एक-एक करोड़ रु की दो बड़ी परियोजनाएं मंज़ूर हुई हैं जिनमें की एक के अंतर्गत कार्य चल रहा है तथा दूसरी शीघ्र ही शुरू हो जाएगी। जनजातीय ज़िला लाहौल-स्पीति में दो कृषि विकास केन्द्र कुकुमसेरी व स्पीति में स्थापित किये गए हैं, कृषि तथा बागवानी में तकनीकी प्रसार का कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ राधिका, डॉ कौशल ने कृषि -बागवानी के विषय में अपने विचार रखे।