सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे निजी स्कूल, स्पष्ट निर्देशों के अभाव का हवाला देकर वसूल रहे शुल्क

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कुलभूषण अवस्थी पतलीकुहल। एक ओर पूरा विश्व कोविड 19 जैसी भयानक बीमारी से जूझ रहा है वहीं प्रदेश के निजी स्कूल मनमर्जी से शुल्क वसूल कर मोटी कमाई कर रहे हैं। सरकार के ढील मूल रवैया के कारण स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों में टकराव की स्थिति हो रही है। कुल्लू जिले के प्राइवेट स्कूलों ने पिछले पूरे बर्ष भी सरकार के दिशा निर्देशों को दर किनार करते हुए अभिभावकों से ट्यूशन फीस के साथ -साथ अन्य शुल्क भी वसूले हैं। उसके बाद सरकार को ठेंगा दिखाते हुए कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को शुल्क अदा नहीं करने के चलते बच्चों का वार्षिक रिजल्ट देने से मना कर दिया था। इस वर्ष भी अतिरिक्त जिलाधीश कुल्लू ने स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक कर केवल ट्यूशन शुल्क ही लेने के निर्देश दिए हैं परंतु खेद की बात है कि बैठक के अगले दिन ही कई स्कूलों ने अभिभावकों से ट्यूशन फीस के साथ- साथ अन्य कई तरह के शुल्क जमा करने का फरमान जारी कर दिया है। हिमाचल सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने में पूरी तरह से विफल हुई है। प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के गृह जिला के स्कूलों ने तो सारी हदें ही पार कर दी है। कुल्लू के कुछ निजी स्कूलों ने तो ऑनलाइन ही फीस के साथ दूसरे शुल्क की वसूली शुरू कर दी है। पिछले पूरे वर्ष बच्चों के स्कूल न जाने पर सरकार के कहने पर अभिभावकों ने ट्यूशन फीस जमा की है जबकि स्कूलों ने केवल फीस के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का ड्रामा किया था। फिर भी अभिभावकों ने फीस देने में किसी प्रकार की आनाकानी नहीं की जबकि ऑनलाइन कक्षा के बाद उन्हें ही बच्चों से कक्षा व गृह कार्य करवाना पड़ता था। निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों में काफी रोष है क्योंकि ये निजी स्कूल पढ़ाई के नाम पर केवल पैसा बनाने का गोरख धंधा चला रहे हैं। इसका ताजा प्रमाण इस महामारी में स्कूलों के बंद होने के पश्चात भी अभिभावकों से मनमानी फीस बसुलना है। कुल्लू के लगभग सभी निजी स्कूलों ने मासिक शुल्क के साथ ही अभिभावकों को वार्षिक शुल्क सहित अन्य कई तरह के शुल्क की लिस्ट थमा दी है। प्रदेश में फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने जोर पकड़ लिया है जिसके चलते स्कूलों को बंद किया गया है, स्कूलों के बंद होने के चलते बच्चे घर पर ही है और स्कूल बिना किसी कारण के फीस जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं। अभिभावकों का मानना है कि सरकार को निजी स्कूलों को फीस से संबंधित स्पष्ट निर्देश देने चाहिए ताकि अभिभावकों को शिक्षा के नाम पर लूटा न जाय और अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से ऐसे निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग की है ।