सुरभि न्यूज़ सैंज। कुल्लू जिला को देवभूमि के नाम से जाना जाता है यहां प्रत्येक गांव में आराध्य देव विराजमान है और वर्ष के 11 महीनों में यहां देव परंपरा निभाई जाती है। जिसके लिए आज भी यहां के बुजुर्ग, युवा और महिलाएं देवी देवताओं की परंपरा को वर्षों से निभाते आ रहे है। यहां बर्फवारी ,वर्षा हो या आंधी तूफान लेकिन देव परंपरा ऐसे में भी निभाई जाती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सैंज घाटी की ग्राम पंचायत रैला की भगवती आशापुरी बीट पर बनाने के लिए सोचा की चोटी पर जाती है लेकिन इस बार मौसम के बदलते मिजाज के कारण शौचा जाते समय एकाएक बर्फबारी शुरू हुई और देवी के साथ जा रहे हारियानों ने 90 डिग्री की सीधी चढ़ाई के साथ भारी बर्फबारी का सामना करना पड़ा ।लेकिन माता भगवती के रथ को उठाये युवाओं ने बर्फबारी की परवाह किए बिना हौंसला दिखाते हुए देवी के रथ को देव स्थल पर पहुंचाया। भारी बर्फबारी के बीच और सीधी चढ़ाई होने के बावजूद भी युवाओं ने हिम्मत नहीं हारी और आस्था को जिंदा रखा। संकरे रास्ते होने के बावजूद भारी बर्फबारी आस्था के आगे आगे फीकी पड़ गई। लेकिन यह सब माता की शक्ति का उदाहरण था। गौर है कि माता आशापुरी का बीट पर आज बर्फबारी के बीच में शौचा नामक स्थान पर मनाया गया। कारदार कलीराम, टीकम राम, धामी चंदे राम, ओम दत्त, गुर जयदेव वशिष्ठ, पुजारी मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि भगवती का विठ पर्व शौचा में होना तय था जिसके चलते समस्त हरियानों ने आज देवी भगवती के मूल स्थान से सुबह प्रस्थान किया और 9:00 बजे शौचा नामक स्थान पर पहुंचे जहां पर उन्होंने जोगणी माता के साथ फूल पटड़ी व पूजा-अर्चना की और बीट पर्व धूमधाम से मनाया।
2021-04-22