गायत्री परिवार से जुड़े राजनेता से समाजसेवी बने देवदत्त मदहोश का निधन

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सुरभि न्यूज़ पतलीकूहल। राजनेता से समाजसेवी बने देवदत्त मदहोश का 91 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया है। रविवार सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे कटराईं पंचायत के प्रधान रहे। वे अपने समय में प्रदेश कांग्रेस पार्टी में अनेक पदों  पर रहे। पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड़ के सबसे भरोसमंद सिपहसालार रहे। वहीं राजनीति से उपर उठकर भाजपा के पूर्व विधायक चंद्रसेन ठाकुर के साथ मिलकर घाटी के बागवानों के उत्थान के लिए बने शीर्ष संगठन कुल्लू फलोत्पादक मंडल की नींव रखी। जो आज प्रदेश ही नहीं अपितु देश की सबसे बड़ी बागवानों की संस्था है । गायत्री परिवार से जुड़े देवदत्त ने अपने जीवन के 41 साल गायत्री परिवार के माध्यम से जन सेवा में बीता दिए । उनके समय में लाहौल स्पीति के गौशाल गांव में ब्रह्मप्रकाश गायत्री परिवार संस्था बनी जो आज कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है । चन्द्र भागा संगम को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने का सपना खुली आंखों से देवदत्त द्वारा देखने के बाद ही धरातल पर उतर सका। उन्होंने जीवन भर निरन्तर प्रयास किए। प्रधानमंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक से चंद्रभागा संगम उदयपुर माता मंदिर व त्रिलोकीनाथ के जीर्णोद्वार की मांग की । जिसके लिए बार बार प्रस्ताव पारित किए । लाहौल की पंचायतों को साथ लेकर ।

उदयपुर माता मंदिर व त्रिलोकीनाथ का जीर्णोद्वार रास्ता तो साफ हो गया व चन्द्र भागा संगम के लिए 20 लाख रुपए की राशि भी जारी हो गई। वे कई समाजसेवी संस्थाओं को साथ लेकर स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा-योग और पर्यावरण तथा समाजसेवा को प्रेरित करते रहे। शायद नियति कुछ ही मंजूर था चन्द्र भागा संगम पर घाट क निर्माण होने से पहले ही वो दुनिया से रुखसत हो गए । अपने जीवडॉन 91वां सावन देख चुके देवदत्त मदहोश 7 दिन पहले तक बिल्कुल फीट थे । गायत्री परिवार से जुड़े सभी लोगों को समय पर घर बैठे मासिक पत्रिका मिल रही थी मंदिर के हो रहे नवनिर्माण में भी वे अपनी भूमिका निभा रहे थे । बिना थके बिना झुके निरन्तर आगे बढ रहे थे । देवदत्त मदहोश जी युवाओं के आदर्श रहे हैं उनके बताए रास्ते पर चलकर आज बहुत से युवा जीवन में आगे बढ रहे हैं । वे अक्सर सभी से मिलकर सर्वे भवन्तु सुखिनरू की बात कहते थे।