समाज सेवा की घुट्टी बचपन से ही पीने को मिल गई

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कुलदीप चंदेल बिलासपुर। लंदन से कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद छब्बीस वर्षीय हरीश नड्डा आजकल सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहे हैं। कोरोना बीमारी के कारण सब कुछ बंद पडा़ है तो वे इन दिनों बिलासपुर के विजयपुर गांव में अपने घर में हैं। समाज सेवा की घुट्टी बचपन से ही पीने को मिल गई इसलिए कुछ ना कुछ समाज सेवा करते रहते हैं। हरीश नड्डा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बडे़ बेटे हैं। दिल्ली में भी कोरोना मरीजों की सेवा में किसी ना किसी ढ़ंग से लगे रहते हैं। वहां पर जितने भी मंत्रियों के बच्चे हैं उन्होंने मिल कर एक संस्था बनाई है जो कोरोना काल में मरीजों की मदद करती है। मंगलवार को हरीश नड्डा ने अपने घर से बिलासपुर के चारों चुनाव क्षेत्रों के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को कौरोना बीमारी से संबंधित लगभग अठत्तर लाख रुपये की सामग्री भेंट की है। इसे आगे वितरित किया जायेगा। हरीश नड्डा को राजनीति विरासत में मिली है। यह कहना ठीक रहेगा कि उन्होंने राजनीति का कखग घर परिवार से सीखना शुरु किया है। एक तरह से उनका घर ही राजनीति का स्कूल बन गया है जहां हरीश जैसे बच्चे शिक्षित होते हैं। आने वाले समय में हरीश भी सक्रिय राजनीति के अखाड़े में कूद जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। बहरहाल होनहार युवक ने कोरोना काल में समाज सेवा का बीडा उठाया है।

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