सुरभि न्यूज़ गुशैनी (परस राम भारती) हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में पिछले कुछ ही वर्षों से ट्रैकिंग और हाइकिंग जैसी साहसिक गतिविधियां बड़ी लोकप्रिय हो रही है। कई युवा पर्वतारोहियों में ऊंचे पहाड़ों को नापने का भारी जुनून देखने को मिल रहा है। प्रदेश के लाहौल स्पीति व लद्दाख की सीमा को जोड़ने वाली युनम चोटी पर जिला कुल्लु के वीरेंद्र राणा की अगुवाई में नौ सदस्य पर्वतारोहियों के एक दल ने सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। समुद्र तट से 6110 मीटर की ऊंचाई पर स्थित युनम चोटी की यात्रा कठिन ट्रैक में एक मानी जाती है। भारतीय पर्वतारोहण संघ की अनुमति से यह दल 12 जुलाई को मनाली से रवाना हुआ था और 16 जुलाई को प्रातः 10ः30 बजे इन्होंने युनम चोटी पर पहुंचकर तिरंगा ध्वज फहराया। पर्वतरोही दल 18 जुलाई को सकुशल मनाली पहुंचे। इस अभियान में खास बात यह रही कि इस दल में सबसे कम उम्र के पर्वतारोही 15 वर्षीय परीक्षित सूद भी शामिल रहे जो युनम चोटी को फतह करने वाले प्रथम युवा पर्वतारोही बन गए हैं। जिला कुल्लू के युवा पर्वतारोही वीरेंद्र राणा के नेतृत्व में यह नौ सदस्यीय दल 12 जुलाई को मनाली से रवाना हुआ जिसमें युवा पर्वतारोही योगेश पांडे 42, दलीप पठानिया 37, गगन शर्मा 37, राजेश राणा 36, संदीप चौधरी 36, रिजवान खान 32, विशाल ठाकुर 33 और परीक्षित सूद 15 वर्ष सबसे कम उम्र के शामिल हुए। इस सफलता पर परीक्षित सूद को बधाई देने वालों का तांता लग गया है जो इस युवा पर्वतारोही ने हिमाचल प्रदेष व तीर्थन घाटी के साथ साथ अपने बिड़ला पब्लिक स्कूल कुल्लु का नाम रोशन किया है। उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में मशहूर सनशाइन कॉटेज के मालिक पिता पंकि सूद व माता सोनू सूद के पुत्र परीक्षित सूद पढ़ाई के साथ-साथ साहसिक खेलों में भी काफी रूचि रखते हैं जो इस समय बिड़ला पब्लिक स्कूल कुल्लु में दसवीं कक्षा के छात्र है। इनके पिता पंकि सूद ने बताया कि परीक्षित सूद इससे पहले भी तीर्थन घाटी विष्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में स्थित काया पीक 5150 मीटर पर 13 साल की उम्र में चढ़ाई कर चुका है। इसके अलावा यह पर्वतारोहण के साथ-साथ स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, स्वीमिंमिंग तथा रैपलिंग जैसी अन्य साहसिक खेलों में भी भाग लेता रहता है। परीक्षित सूद का कहना है कि कड़े अभ्यास और बुलंद हौसलों से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इसने बताया कि युनम चोटी 6110 मीटर को फतेह करने से पूर्व तीर्थन घाटी में ट्रेकिंग का पूर्वाभ्यास भी किया था जिसमें यह हप्तों तक रोजाना अपने घर से पैदल 15 किलोग्राम वजन पीठ में उठाकर देवकंडा की पहाड़ी तक जाकर चढ़ने-उतरने का अभ्यास करता रहा है। परीक्षित सूद का अगला लक्ष्य 7000 मीटर ऊँचे पर्वत को फतेह करना है। परीक्षित सूद ने अपने माता-पिता व गुरुजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन्होेंने मुझे अपना आर्षिवाद देने के साथ पर्वतारोहण की तरफ प्रोत्साहित करते हुए मेरा हौसला बढ़ाते रहे और इस अभियान में मुझे षामिल होने की अनुमति दी गई।
2021-07-22