सरोकार – कोरोना नियम और पर्यटक

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सुरभि न्यूज़ (सुरेन्द्र मिन्हास) बिलासपुर। जैसे ही हिमाचल सरकार ने प्रदेश में पर्यटकों के लिये कोरोना की पाबंदियों में ढील दी है तभी से प्रदेश के पर्यटक स्थलों और प्रदेश की सडकों पर पर्यटकों की बाढ सी आ गई है ।भले ही अब प्रदेश की सीमाओं पर कोरोना टेस्ट बन्द कर दिये हैं तथा किसी को भी प्रदेश के सीमा द्वारों पर R T P C R रिपोर्ट दिखाना भी अब जरुरी नहीं किन्तु सरकार ने दो गज दूरी और मास्क पहनने को जरुरी लागू किया है। इधर पर्यटक हैं की मानते ही नहीं। बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानी ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही दो गज की दूरी का ही पालन कर रहे हैं। जैसे ही पर्यटक प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे है वे खुली ताजी हवा का लुत्फ उठानेकी गरज से मास्क नहीं लगा रहे हैं तथा लिपटा झिपटी करते हुए खुलेआम प्रदेश के अनुशासित लोगों और व्यवसाईयों की जिन्दगी से जान बुझ कर खिलवाड़ कर रहे हैं । ऐसा लगता है कि इन हुड दंगी सैलानीयों को ना अपनी जान की फिकर है ना ही दुसरे के जीवान की कोई परवाह। पर्यटकों को तो बस मस्ती करनी है उन्हें ना तो कोरोना के बारे में जानना है ना ही अपना और दूसरों का बचाव ही करना है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा सैलानीयों को दी जा रही अनावश्यक ढील को तुरंत वापिस लेना चाहिये। यदि हिमाचल सरकार पाबंदियां लगाने मे देरी करेगी या ढिलाई जारी रखेगी तो इस लापरवाही का खमियाजा आम जनता को भुगतना पडेगा और कोरोना का कहर फिर बरपेगा जिसके लिये सीधे तौर पर सरकार को जिम्मेवार माना जायेगा। इसलिये सरकार को शीघ्र प्रशासन और पुलिस को इस बारे सख्ती बरतने कए आदेश जारी करने चाहिये। पर्यटकों को नियमों के उल्लंघन पर कड़ी सजा जुर्माने का प्रावधान होना समय की माँग है। कोई भी बुद्धिजीवी इस बात को स्वीकार नहीं करेगा कि सैलानियों की वजह से प्रदेश के लोगों की जान पर संकट पैदा हो।

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