सुरभि न्यूज़ कुल्लू। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीरवार को स्वयं सहायता केन्द्रों व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वैब मोड व दूरदर्शन के माध्यम से किये गए संवाद में कुल्लू जिला से चार हजार से अधिक प्रतिनिधि जुड़ें। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त शिवम् प्रताप सिंह ने कहा कि जिला के सभी विकास खण्डों में प्रधानमंत्री के संवाद में भाग लेने के लिए व्यवस्था की गई थी। पंचायती राज संस्थानों व स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिनिधि संवाद से जुड़कर काफी खुश दिखाई दिये और स्वयं सहायता समूहों के लिए प्रधानमंत्री ने स्वावलंबी बनने के लिए प्रोत्साहित किया और अनेक प्रकार की योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जिसका महिलाओं को समुचित लाभ मिलेगा। परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के संवाद का प्रसारण सभी पंचायतों में पंचायत घर अथवा सीएससी के माध्यम से किया गया। संवाद से जुड़ने के लिए समस्त स्वयं सहायता समूहों तथा पंचायती राज संस्थानों को किसी भी माध्यम को अपनाकर जुड़ने का आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा कि जिला में सभी केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकोल का पूरा ख्याल रखा गया। प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान स्वयं सहायता समूहों को अपनी आर्थिकी को और मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पहले स्वयं सहायता समूह को कोई उद्यम चलाने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता था, जो अब 20 लाख रुपये किया गया है। यह ऋण बिना बैंक गारन्टी के स्वयं सहायता समूहों को कम ब्याज पर प्रदान किया जाता है। महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के कार्यों अथवा उद्यमों के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर अनेक महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानियां सांझा की जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनी। संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के उपरांत जिया ग्राम पंचायत से जागृति समूह की प्रधान कृष्णा ने कहा कि वह 2009 में स्वयं सहायता समूहों से जुडी थी और 2017 में उनका समूह आॅन लाईन किया गया। उनका प्रशिक्षण हैदराबाद में हुआ। उन्हें काफी मार्गदर्शन मिला। कृष्णा ने कहा कि उन्हें 9 लाख सीआईएफ मिला। उसमें से उनके संगठन ने 12 स्वयं सहायता समूहों की अनेक महिलाओं को रोजगार जुटाकर आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया। इसी प्रकार, सुदर्शना शर्मा एकता ग्राम संगठन की प्रधान व स्वयं सहायता समूह से जुड़ी है। उन्हें तीन सालों से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। उनके समूह ने अपना कारोबार करने के लिए ऋण लिया है और आज सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। सुदर्शना को अपने उत्पादों को बेचने के लिए पतली कूहल में दुकान भी उपलब्ध करवाई गई है। इन महिलाओं का कहना है कि स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय बनाकर रखा जाना चाहिए और कोई न कोई काम अवश्य करना चाहिए जो आजीविका से जुड़ा हो महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करता हो।
2021-08-12