सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती ) गुशैनी बंजार। जिला कुल्लू उपमंडल बंजार के विभिन्न क्षेत्रों में सहारा संस्था और हिमालय नीति अभियान द्वारा वन अधिकार कानून-2006 को लागू करवाने बारे जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत संस्था के पदाधिकारी एक बार फिर से ग्राम पंचायतों के दौरे पर निकल पड़े हैं। अब इस अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है जिसके तहत अभी तक ग्राम पंचायत शरची, ग्राम पंचायत मश्यार, ग्राम पंचायत शिली, ग्राम पंचायत तुंग, सैंज घाटी की ग्राम पंचायत सुचैन, ग्राम पंचायत रैला और ग्राम पंचायत गड़ापरली आदि में सफल बैठकों का आयोजन हो चुका है।
इन बैठकों में स्थानीय समुदाय के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इस कार्यक्रम में वन अधिकार अधिनियम को लागू को लागू करवाने की प्रक्रिया और इस क्षेत्र का पर्यटन कैसे होना चाहिए इस विषय पर लोगो से काफी अच्छी बर्तालाप हो रही है। सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान ने बताया कि 17 अक्टूबर 2014 को जिलाधीश कुल्लु की अध्यक्षता में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क यूनेस्को हेरिटेज साइट को लेकर एक बैठक का आयोजन हुआ था जिसमें यहां के स्थानीय लोगों के हक हकुकों की रक्षा और स्वरोजगार के लिए पर्यटन नीति बनाने के बारे में चर्चा हुई थी। लेकिन धरातल स्तर पर यहां के लोग अभी तक अपने मूलभूत अधिकारों और सुविधाओं से वंचित है। इन कार्यक्रमों में विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं की इको टूरिज्म में भूमिका और पर्यटन संचालन में इनका महत्वपूर्ण योगदान जैसे विषयों पर बिस्तृर जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही वन अधिकार कमेटी के रजिस्टर को कानून के अनुसार बनाने की प्रक्रिया को भी पूरा किया जा रहा है। सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान ने कहा है कि स्थानीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा किए बगैर मानवाधिकार की रक्षा नहीं हो सकती। लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करना कहां तक उचित है।
हर नागरिक को कानूनन उनके हक मिले यही मानव अधिकार है। इन्होने लोगों से आवाहन किया है कि अपने अधिकारों को पाने के लिए बुलन्द आवाज उठाएं नहीं तो संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ सकता है। राजेन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी कड़ी में 31,अगस्त मंगलवार को तीर्थन घाटी के गुशैनी में ग्राम पंचायत पेखड़ी, नोहांडा और कंडीधार के लोगों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सहारा संस्था के सदस्य, हिमालय नीति अभियान संस्था के पदाधिकारी, पर्यटन विशेषज्ञ, स्थानीय वन अधिकार समितियों के सदस्य एवम पदाधिकारी, ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि, पर्यटन एसोसिएशन और सोसाइटी के सदस्य एवम पदाधिकारी, महिला एवम युवक मंडल के लोग भाग लेंगे। इन्होंने लोगों से अपील की है कि इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करें।