सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। उपमंडल बैजनाथ कांगड़ा में भूमिहीन मि अधिकारी मंच हिमाचल प्रदेश ने बैजनाथ के एसडीएम से भूमिहीन परिवारों को गत वर्षों से लंबित पड़ी समस्याओं का हल करने की जोरदार मांग की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं हिमाचल प्रदेश नोतोड़ भूमि कानून 1968 व हिमाचल प्रदेश्गांव श्यामलात भूमि निधान एवं उपयोग स्कीम 1974 के माध्यम से अनुसूचित जाती के लोगों को भूमि प्रदान की गई थी मगर आज भी उनके मामले लंबित पड़े हुए हैं। उस जमीन का मालिकाना हक आजा दिन तक लोगों को नहीं मिला है। जिला कांगड़ा के वर्ष 2013 से वर्ष 25 परिवार इंतकाल करवाने लगे हुए हैं। परन्तु आजतक उनके मामले का कोई भी हल ही नहीं हो पाया है। 12 आवासीय भूमिहिनों ने भी 2/ 3 बिस्वा आवासीय भूमि योजना के अंतर्गतआवेदन किया था मगर आजतक उनको भी भूमि नहीं मिल पाई है। उपमंडल बैजनाथ की नगर पंचायत बैजनाथ–पपरोला की ग्राम पंचायत महालपट तथा बहीके अन्य परम्परागत वन निवासियों ने मांग उठाई है कि उपमंडल बैजनाथ में वन अधिकार कानून 2006 को सक्रीय रूप से लागू करें और जिन एफआरसी का गठन हुआ है उनको वन अधिकार कानून 2006 के बारे में प्रशिक्षण और जानकारी प्रदान करवाई जाए क्योंकि यह कानून अभी हिमाचल प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाया है। लोगों को इस कानून का आभाव है। स्थानीय लोगों ने मांग उठाई है कि जिस सरकारी भूमि पर कई दशकों से जो परिवार बसे अपना गुजर बसर कर रहे हैं उनको वही भूमि आवासीय भूमि के रूप में प्रदान कर दी जाए। आवासीय भूमिं होने के कारण उनके बिजली के मीटर भी नहीं लग पा रहे हैं। उनको अन्य नागरिक सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों की इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भूमिहीन भूमि अधिकार मंच हिमाचल प्रदेश ने बैजनाथ के एसडीएम सलीम आज़म को वीरवार के दिन एक प्रस्ताव पारित किया। इस मौके पर नगर पंचायत बैजनाथ –पपरोला की अध्यक्षा काँटा देवी, ग्राम पंचायत महालपट की प्रधान आशा देवी, पर्वतीय महिला अधिकार मंच से विमला विश्वप्रेमी, भूमिहीन अधिकार मंच से सुख देव विश्वप्रेमी, अजय कुमार तथा संजय कुमार उपस्थित रहे।
2021-09-09