सुरभि न्यूज़ कुल्लू। संविधान में महिलाओं को कई विशेष अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग और जागरूक बनने की आवश्यकता है। यह बात कुंज लाल ठाकुर दामोदरी देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी अधिवक्ता छविंद्र ठाकुर ने मनाली में बेटी बचाओ प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने की। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों की जानकारी के अभाव में उत्पीड़न और उपेक्षा का शिकार बनती हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 महिलाओं को जबरदस्त सुरक्षा प्रदान करता है। घर परिवार में भी महिलाओं को किसी प्रकार की मानसिक व भावनात्मक परेशानी के विरूद्ध शिकायत दर्ज की जा सकती है। मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार सभी महिलाओं को मुफत में न्याय प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इसके लिए केवल सादे कागज पर कानूनी सहायता के लिए आवेदन करना होता है। इसी प्रकार, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 2005 महिलाओं को पितृ संपति पर अधिकार प्रदान करता है। बाल विवाह निषेध अधिनियम बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति से बेटियों को सुरक्षा प्रदान करता है। महिलाओं के हिरासत में भी अनेक अधिकार है। सूर्यास्त के बाद महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। महिला को गिरफ्तार करते समय महिला पुलिस का होना जरूरी है। गिरफ्तारी की सूचना परिजनों को देना अनिवार्य है। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटियों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। बेटी है अनमोल योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, एक बूटा बेटी के नाम, विधव पुनर्विवाह अनुदान योजना, शगुन योजना, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना ऐसी योजनाएं हैं जिनसे महिलाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि शगुन योजना के तहत बीपीएल परिवारों की बेटियों के विवाह के समय 51,000 रुपये का शगुन प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं जो महिला व शिशु को सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे सरकार की सभी योजनाओं के प्रति जागरूक बनें और इनका समुचित लाभ उठाएं।
2021-09-23