आनी के राजा रघुवीर सिंह स्टेडियम में जड़ी बूटियों से खेम चन्द टूटी हड्डियों को जोड़ने का करते हैं रोगियों का ईलाज

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सुरभि न्यूज़ (सी आर शर्मा) आनी। रोग से सम्बंधित रोगियों को अपने ईलाज के लिए अक्सर आईजीएमसी शिमला व पीजीआई चंडीगढ़ जैसे बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता है.जहां टूटी हड्डी को जोड़ने और अन्य उपचार के लिए उन्हें भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है।मगर इससे हटकर समाज में कुछ ऐसे देहाती वैद्य भी हैं.जो निस्वार्थ भाव से जड़ी बूटियों के द्वारा हड्डी रोगियों का शर्तिया इलाज करते हैं।ऐसे ही एक देहाती वैद्य हैं.आनी खण्ड के अंतर्गत फ़नोंटी पँचायत के गांव बाडू के खेम चन्द।.जो 68 वर्ष की उम्र में भी हड्डी रोगियों का जड़ी बूटी तथा पट्टी पालड़ी के द्वारा इलाज कर रहे हैं।खेम चन्द का कहना है वे हड्डी रोग से सम्बंधित रोगियों का जड़ी बूटियों के द्वारा शर्तिया ईलाज करते हैं और अब तक सैंकड़ों रोगी उनसे इलाज करवाकर . लाभ प्राप्त कर चुके हैं।खेम चन्द का कहना कि उन्होंने यह  वैद्य विद्या अपने पिता मानू राम और दादा खोगसी से सीखी है और 20 वर्ष की उम्र से वे अपनी इस विद्या से हड्डी व मोस के रोगियों का ईलाज कर रहे हैं।उनका कहना है कि वे इस विद्या के लिए अपने कुल देवता खुड्डीजल.शांगडी नाग व बाड़ू माता का आशीर्वाद मानते हैं।खेम चन्द ने बताया कि उन्होंने देहाती उपचार के लिए पूर्व में कुल्लू दशहरा के  दौरान डेढ़ माह का शिबिर भी लगाया.जिसमें दर्जनों  लोगों ने लाभ उठाया।

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