सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी में लगभग दो माह के अंतराल के बाद बेशक मौसम ने करवट बदलकर बुधवार को दिनभर बादल तो छाए रहने के उपरांत भी घाटियों में वारिश की एक बूंद भी नहीं गिर पाई है मगर दोनों घाटियों में प्रचंड ठंड का प्रकोप जरूर बढ़ गया है। घाटीवासियों का मानना है कि अगर यहाँ पर वारिश हो जाती है तो एक ओर किसानों की सुखने की कगार पर आने वाली जौ ,गेंहू , लुहसन, सरसों आदि फसलों को राहत मिल जानी थी। वहीँ दूसरी ओर यहाँ पर घटित होने वाली आगजनी जैसी घटनाओं से बचा जा सकता था। घाटीयों के राजकुमार, विनोद कुमार, वजिन्द्र सिंह, दान सिंह, डागी राम व जसवंत सिंह का कहना है कि गत लगभग दो माह से यहाँ पर वारिश न होने से यहाँ के किसानों की फसलें सुखने लग पड़ी है अगर यहाँ पर वारिश हो जाती तो उनकी फसलें सुखने से बच सकती है।
2021-12-01