सचेत संस्था ने आनी के खनाग, बंजार के घियागी और सोझा में रेसक्यू चेकपोस्ट खोलने की रखी मांग

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सुरभि न्यूज़ (सी आर शर्मा)आनी : सामाजिक सुधार और आरटीआई पर काम कर रही आनी की सचेत संस्था ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, आईजी पुलिस, मुख्य सचिव, एसपी कुल्लू व डीसी कुल्लू को मांगपत्र भेजकर सोझा, घियागी और खनाग में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेसक्यू चेक पोस्ट खोलने की मांग की है। सचेत संस्था के अध्यक्ष डोला सिंह चौहान ने बताया कि समुद्रतल से 10280 फुट की ऊंचाई पर सैंज-आनी-ओट एनएच 305 के मध्य स्थित जलोड़ी दर्रा भारी बर्फबारी के कारण  वाहनों की आवाजाही के लिए हर वर्ष करीब 4 माह तक बन्द हो जाता है। ऐसे में आउटर सिराज क्षेत्र आनी का जिला मुख्यालय कुल्लू से सीधा संपर्क कट जाता है।कुल्लू मनाली की ओर जाने के लिए यह मार्ग छोटा होने के कारण लोगों का इस मार्ग से बिकट परिस्थिति में भी आना जाना लगा रहता है जबकि वैकल्पिक मार्ग वाया रोहांडा व वाया बसंतपुर धामी काफी दूर होने से लोग जलोड़ी दर्रे सहित करीब 10 किमी लम्बे बर्फीले मार्ग को लांघने को विवश हैं जिससे कई बार लोग रास्ता भड़कने से जान जोखिम में डाल देते हैं। ऐसे में हर साल 70 से 100 लोग स्थानीय लोगो, प्रशासन और पुलिस की मदद से रेसक्यू किये जाते हैं जबकि कई लोग जान भी गंवा बैठते हैं। बर्फ से लकदक जलोड़ी दर्रे में जहां साल के 8 महीने होटल, ढाबों, हट्स, टेंट्स लगाकर पर्यटकों को सेवाएं देने और लाखों रुपये इन्वेस्ट कर चुके लोग माईनस तापमान में सबकुछ छोड़कर चले जाते हैं। जलोड़ी दर्रे में वर्तमान में पुलिस का रेडियो स्टेशन है जहां केवल दो जवान डयूटी देते हैं। कम्पकम्पाती इस ठंड में जहां उनके सिराहने रखा पानी कठोर हो जाता है, तो वहीं सरसों के तेल की बोतल में रखा तेल भी  जम जाता है। ऐसे में   इन्सान के कद से ज्यादा ऊंची जमी बर्फ के बीच होकर ऑक्सीजन की कमी में जलोड़ी दर्रे को पार करना जहां क्षेत्र के लोगों की मजबूरी है तो वहीं पर्यटकों में जानकारी का अभाव भी रहता है जो उनकी जान के लिए खतरा है। ऐसे में सचेत संस्था ने प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व पुलिस विभाग से गुहार लगाई है कि लोगों की जान की परवाह करते हुए बंजार की ओर घियागी, सोझा और आनी की ओर खनाग अथवा माशनु नाला में रेसक्यू चेकपोस्ट खोली जाए और रेसक्यू टीम में बाकायदा ट्रेंड जवान हों तथा उनके पास रेस्क्यू के लिए हर जरूरी सामान हो जो लोगों को जलोड़ी दर्रे की स्थिति से अवगत करवाएं और किसी भी आपात में तुरंत बचाव के लिए निकल पड़ें।

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