मुरारी शर्मा द्वारा लिखित दो कहानियों प्रीतो नदी हो गई और रिहर्सल का नाट्य रूपान्तरण किया प्रस्तुत

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। कुल्लू कार्निवाल में हो रही नाट्य प्रस्तुतियों में छठी प्रस्तुति में हिमाचल षोध संस्थान एवं रंगमण्डल मण्डी द्वारा हिमाचल के नामी कथाकार मुरारी शर्मा द्वारा लिखित कहानी संग्रह ‘पहाड़ पर धूप’ से ली गई दो कहानियों ‘प्रीतो नदी हो गई’ और ‘रिहर्सल’ का नाट्य रूपान्तरण प्रस्तुत किया। विनोद राई के निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटक की पहली कहानी प्रीतो नदी हो गई में हिमाचल की लड़की का ब्याह पंजाब में हो जाता है। पंजाब में जाकर वह अपनी संस्कृति को, अपने रीति रिवाज़ों को और अपने प्राकृतिक सौंदर्य को पंजाब में खोजती है। उसे न तो ऊंचे ऊंचे पहाड़ दिखते हैं न ही नदियां दिखती हैं।

उसका पति करतारा जो पंजाब का ज़मीदार है वह उसे समझाता है कि वह अब पंजाब आ गई है जहां पर हिमाचल का परिवेष बिलकुल भी नहीं है। समय के साथ प्रीतो पंजाब के परिवेष में ढल जाती है और फिर एक बेटी को जन्म देती है। फिर वही समाज की दकियानूसी सोच कि बेटी पैदा क्यों हुई। और वहीं से प्रीतो विद्रोह करती है और अपने अस्तित्व के लिए अपने ससुराल को छोड़कर अपने मायके आ जाती है और तय करती है कि वह तब तक अपने ससुराल नहीं जाएगी जब तक कि उसकी ससुराल में बेटियों का सम्मान नही होगा। धीरे धीरे समय के साथ प्रीतो का पति उसे वापिस ले जाता है। ससुर को मन नन्ही पोती को देख कर पसीज जाता है और उसका नामकरण करता है और कहता है कि वह अपनी पोती का पढ़ा लिखा कर एक बहुत बड़ी अफसर बनाएगा। नाटक की इस कहानी को खचाखच भरे अटल सदन में दर्शकों ने तालियों कीे गड़गड़ाहट से मुक्त कण्ठ से सराहा। दूसरी कहानी रिहर्सल में स्थानीय कलाकारों के साथ संघर्ष की व्यथा को प्रतिबिम्बित किया गया। इसमें दिखाया गया कि आर्थिक तंगी के चलते कलाकार कैसे छोटे छोटे प्रलोभनों के पीछे भागता है। वे किस तरह किरदारों को निभाते हैं। इन कहानियो की प्रस्तुतियों में मयंक, शुभम, शिवा, बंटी, गौतम, कोनिका, रिया, सुमन, शाउनी, राज, रायेन, शंकर, दीपक, सौरभ अविनाश, निशांत, आमिर आदि कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिकाओं से दर्शकों का मनोरंजन किया। मंच में प्रकाश व्यवस्था दीप कुमार की और संगीत में पूजा, जासमीन व बिट्टू रहे और इस प्रस्तुति के प्रबंधक के रूप में सीमा शर्मा ने अपना दायित्व निभाया।

 

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