सुरभि न्यूज़
कुल्लू
एकल अभिनय के माध्यम से हिमाचली लेखकों की कहांनियों की आनलाईन व आफलाईन
प्रस्तुतियों की श्रृंखला की इस कड़ी में ऐक्टिव मोनाल के युवा कलाकार अंशुल डोगरा ने
केहर सिंह ठाकुर के निर्देश न में डाॅ नरेन्द्र निर्मोही द्वारा लिखित कहानी ‘बुखारी’ का अपने
शानदार अभिनय से भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण कर र्दशकों भाव विभोर कर दिया।
मीनाक्षी के सह निर्देशन में इसे संस्था द्वारा टिकरा बाबली स्थित ऐक्टिंग स्टुडियो में संस्कार भारती हिमाचल प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया और वहीं से फेसबुक पेज पर आनलाईन स्ट्रीमिंग भी की गई।
कहानी वतन सिंह नामक एक फौजी की है जिसे अपने एक सीनियर आफिसर द्वारा बात बात पर प्रताड़ित किया जाता है। केवल उसी के द्वारा नहीं वतन सिंह के अन्य साथी फौजियों के द्वारा भी कहानी फौज के कड़े नियमों और हमेशा यस सर ही कहने की मजबूरीको उजागर करती है।
अनुशासन की आड़ में कई अफसर फौजियों को जो उनकी लल्लो चप्पो नहीं करते उनको तरह तरह के दण्ड देते हैं। प्रस्तुत कहानी में केवल वतना ही नहीं उसके बहुत से साथी भी अपने मेजर की ज़्यादतियों से परेशान हैं।
उनका एक साथी मेजर की गोली मार की हत्या कर देता है जबकि वतन सिंह अस्पताल में ही दम तोड़ देता है क्योंकि उसे बुखार की हालत में भी कई किलोमीटर तक दौड़ने की सज़ा सुनाई गई थी और उसका शरीर औरनहीं चल पा रहा था।
कहानी फौज के भावहीन कड़े नियमों और फौजी जो भावों से भरे जीवित प्राणी हैं, इन दोनों के बीच की कशमकश को दिखाती है।
प्रस्तुति की प्रकाश व वस्त्र परिकल्पना मीनाक्षी की, प्रकाश संचालन देस राज का और केमरा पर रेवत राम विक्की व मीनाक्षी रहे जबकि आनलाईन स्ट्रीमिंग का कार्य वैभव ठाकुर ने सम्पन्न किया।