सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला, भाषा एवं संस्कृति विभाग, कुल्लू हिमाचल प्रदेश व ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा संस्कार भारती हिमाचल प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में कलाकेन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित चार दिवसीय नाट्योत्सव ‘रंग आज़ादी’ की दूसरी संध्या कुल्लू क्षेत्र के नांगाबाग गांव से ताल्लुक रखने वाले स्वतन्त्रता सेनानी नाथू राम पर आधारित नाटक ‘नाथू राम शेर दिल’ का सफल मंचन भुन्तर स्थित नाट्य संस्था नाट्यश्रेश्ठ के कलाकारों ने रेवत राम विक्की के लेखन व निर्देशन में ‘वन्दे मातरम्’ और ‘इन्कलाब ज़िन्दाबाद’ के उद्दघोश के साथ किया।
यह नाटक उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान और बलिदान की कहानी को कहता है। नाथू राम के माँ बाप उनके बचपन में ही मर गए थे। फिर वह अपने मामा के घर हरिपुर दशाल में रहने लगे थे और वहीं से युवा अवस्था में ही लाहौर चले गए और युवा कांग्रेस से जाकर जुड़ गए। वहाँ उन्होंने बहुत से आंदोलनों में हिस्सा लिया और एक ऐसा साहसी कार्य भी किया जिससे उनका नाम नाथू राम से नाथूराम शेरदिल पड़ा। उन्होंने लाहौर के ज़िला मुख्यालय से युनियन जैक उतारकर वहाँ तिरंगा लहराया और इसके लिए उन्हें अंग्रेज़ी सरकार ने कठोर कारावास की सज़ा दी। नाटक में नाथू राम शेरदिल के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी के साथ साथ देश के अन्य बड़े आंदोलनों और क्रांतिकारियों के बारे में भी बात हुई है, और देश को आज़ादी कैसे मिली यह भी बताया है।
मंच पर सूरज कुमार, अंशुल, दिनेश कुमार, रीतिक, नितिन, हंसराज, मनीशा ठाकुर, संजना ठाकुर, तनिशा डोगरा, आंचल, रितिका, ईशा व पायल कलाकारों ने अपने अपने किरदारों का बखूबी निभाया जबकि पार्ष्व ध्वनि संचालन विनय कुमार ने तथा आलोक व्यवस्था स्वयं रेवत राम विक्की ने सम्भाली। नाटक के समापन पर दूसरी संध्या में विशेष रूप उपस्थित रहे शिक्षाविद जोगिन्दर ठाकुर ने कलाकारो को नाटक के सफल मंचन पर बधाई दी तथा दर्शकों के साथ स्वतन्त्रता संग्राम को लेकर अपने विचार सांझा किए।