परम्परा: चौहार घाटी में दो माह तक खेतीबाड़ी सम्बन्धी कार्य करने के लिए दो माह तक पूरी तरह प्रतिबन्ध

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सुरभि न्यूज़ 

राम ठाकुर, बरोट

चौहार घाटी की खलैहल, लपास, वरधान तथा धमच्याण  पंचायतों सहित कई दुर्गम गाँवों में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शुक्रवार को मार्गशीष की संक्रान्ति के बाद खेतीबाड़ी सम्बन्धी सभी कार्य करने के लिए एक से दो माह तक पूरी तरह प्रतिबन्ध लग गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन गाँवों के लोग गाँवों में स्थित आराध्य एवं कुल देवी–देवताओं केआदेशों को बड़ी श्रद्धा से मानते हुए गाँव वासियों ने शुक्रवार से एक से दो माह तक खेती बाड़ी संबंधी कार्य के लिए पूरी तरह प्रतिबन्धित हो गए हैं जिसके चलते इन गाँव वासियों ने सुबह सबसे पहले अपने–अपने कुल देवी देवताओं की पूजा-अर्चना की और सदियों से चली आ रही परम्परा को कायम रखते हुए खेतीबाड़ी सम्बन्धी कार्य करने के लिए पूरी तरह प्रतिबन्धि हो गए। खलैहल पंचायत के भागमल, प्रेम सिंह, राजकुमार, लपास पंचायत के सतदेव, भोखी राम तथा मोहिन्द्र सिंह  ने बताया कि प्रतिबन्ध के इन दो माह के भीतर अगर कोई व्यक्ति इस प्रतिबन्ध को तोड़कर अपवित्र करता है तो गांववासी उस व्यक्ति से जुर्माना वसूल करते हैं। उसके बाद गाँववासी जमीन में हवन आदि करके पवित्र करते हैं। इन लोगों का कहना है कि प्रतिबन्ध की यह परम्परा सदियों से ही चली रही है। घाटी के लोग अपने देवी-देवताओं के ऊपर अपार श्रद्धा रखते हैं और सदियों से चली आ रही दो माह तक खेतीबाड़ी कार्य पर  प्रतिबंधित परम्परा को आज भी निभा रहे है।

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