चित्तौड़गढ़ के किले में महारानी पद्मावती ने म्लेच्छ यबनी अक्रांताओं से अपनी रक्षा करने के लिए धधकते जौहर कुंड में लगाई थी छलांग

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ 

कुल्लू 

चित्तौड़गढ़ के किले में जौहर कुंड असंख्य नमन करने वाला स्थान है जिसमें महारानी पद्मावती ने म्लेच्छ यबनी अक्रांताओं से अपनी रक्षा करने के लिए धधकती ज्वाला के कुंड में छलांग लगाई थी। चित्तौड़गढ़ के किले में आज उस कुंड की ओर जाने वाला रास्ता बेहद अंधेरे वाला है। जिस पर कोई जाने का साहस नहीं करता। उस रास्ते की दीवारों तथा कई गज दूर भवनों में आज भी कुंड की अग्नि के चिन्ह और उष्णता का अनुभव किया जा सकता है। विशाल कुंड की ताप से दीवारों पर चढ़े हुए चूने के प्लास्टर जल चुके हैं। चित्र में कुंड के समीप जो दरवाजा दिख रहा है कहा जाता है कि मां पद्मावती वहीं से कुंड में कूद गई थी। स्थानीय लोग आज भी विश्वास के साथ कहते हैं कि इस कुंड से चीखें यदा-कदा सुनाई पड़ती रहती है और सैकड़ों वीरांगनाओं की आत्माएं आज भी इस कुंड में मौजूद है वो चीखें आज के युग में भी एक सबक है उन हिंदू बहन और बेटियों के लिए जिन पर मलेछों और यनियों की बुरी नजर है। यह चीखें नही दहाड़ है जो यह कहती है कि हे हिंदू पुत्रीयो तुम हर युग में इन मलेछों और यबनियों से सतर्क रहना। यह चीखें नहीं आत्मबल है। (साभार-सनातन सेवा समिति)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *