नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र मोहल में गुंजन संस्था ने नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय जागरूकता शिविर का किया आयोजन

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो  

कुल्लू

नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र मोहल में गुंजन संस्था  ने नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अभिभावकों, युवक व महिला मंडलों, सामाजिक कार्यकर्ता व स्वास्थय परामर्शदाता ने भाग लिया।

इस शिवर मे 5 विभिन्न सत्र लिए गए जिसमें सर्वप्रथम सत्र राजेंद्र चौहान प्रिंसिपल द्वारा लिया गया जिसमें उन्होंने बतया की कैसे आज का युवा और नौजवान नशे की गिरफ्त मे जारा है और इसमें परिवार का क्या रोल है। समाज का क्या दायित्व है। परिवार भी अपनी जिमेवारी लेने से बच रहे है उसे हम सबको समझना बहुत ज़रूरी है। इसे व्यक्तिगत बीमारी ना ले यह एक समाजिक बीमारी है जिसमें हम सबको साथ मिलकर इस समस्या से लड़ना है।
दूसरे सत्र मे केंद्र के कोंसलर गुरवचन सिंह ने बतया की क्या-क्या चुनोतियों का हम सब सामना करते है। जब हमारा परिवार का सदस्य नशे की लत मे चला जाता है। मानसिक, शारीरिक, सामाजिक तौर पर हम भी बीमार होते जाते हैं। इसलिए हम फैमिली कॉउंसलिंग का सत्र करते है ताकि उसकी फैमिली की भी कॉउंसलिंग करे उन्हे भी इन सब से सामना करने की
डॉक्टर मोहिंदर हरियान ने बताया कि कैसे बच्चे मे नशे की लत लगती है कैसे वो इस बीमारी का शिकार होता है। कैसे एक व्यक्ति और युवा नशे की गिरफ्त मे आकर मानसिक सतुलन खो देता है। उसका दिमाग नशे की वजह से हाई रिस्क एक्विटी मे चला जाता है। जिसका इलाज घर मे नही हो सकता यह सभी को समझने की ज़रूरत है उसका इलाज नशा निवारण केंद्र मे ही किया जा सकता है। डॉक्टर दवारा केंद्र मे इलाज कैसे किया जाता उस बारे मे सभी को जानकारी दी गयी।
चौथे सत्र मे केंद्र की कोंसलर नैना ने सबके बीच परिवार की कॉउंसलिंग क्यों जरूरी है परिवार की क्या क्या भूमिका रहती है। जब आपके परिवार के सदस्य का इलाज केंद्र मे चल रहा हो। नैना ने बताया की फैमिली कॉउंसलिंग से हम आपसी तनाव जो चले आरे है उन्हे रेसॉल्व करते है, आपसी मेल जोल में जो दूरी परिवार और मरीज के बीच है उसे कम करने की कोशिश करते है ताकि फैमिली और मरीज का एक नया रिश्ता शुरू हो।
पांचवा सत्र दिव्या वर्मा सीनियर कोंसलर दवारा लिया गया सत्र मे बताया की कैसे केंद्र से जाने के बाद मरीज की देख भाल रखी जा सकती है जिसमें सबसे पहले बताया गया की मरीज का समय अवधि  तय करे, घर का एक समय का भोजन साथ मे करे, घर का वातावरण पोस्टिव रखे, विश्वास करना सीखे, उनकी इज्जत करे, बीती बातों को दोहराये नही, हर काम के लिए उत्साहित करें, उन्हे हमेशा सराहना करे की आप नशामुक्त जीवन जी रहे। उन्हे इनाम दे।
अंत मे कार्यशाला मे प्रतिभागियो ने नशे और इसके इलाज से सबधित कई प्रश्न भी विशेषज्ञों से पूछे और समाज मे फैली कई तरह की भ्रांतियों को दूर किया। प्रतिभागियो ने कार्यशाला मे अपने स्तर पर नशे से दूर करने के लिए किये गए कार्यो को भी सांझा किया तथा परिवार, समाज और नशे से जुड़े कारोबार करने वालों से चुनोतियों को भी सांझा किया।
नशे के खिलाफ कार्य करने वालो को भी कार्यशाला मे प्रोत्साहित किया गया। शिविर में संदीप मिन्हास प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में प्रतिभागियो को जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियो के नशे को लेकर विभिन्न प्रश्नों का समाधान भी किया तथा नशे की बीमारी और उसके इलाज के बारे में आज समाज में क्या-क्या भ्रांतियां है उनके बारे में विस्तार से चर्चा की तमाम नये वर्ष मे अपने आस पास के एरिया को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया।

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