सुरभि न्यूज़
शिमला,6 जनवरी।
मानव प्रयोग के लिए अनुपयुक्त खाद्य सामग्री की बिक्री से हैजा, आंत्रशोथ, दस्त, पेचिश जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका को देखते हुए जिला दण्डाधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत जिला शिमला में अधिक पके, सड़े-गले और खराब फलों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाई है।
इस संबंध में आज आदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि जिला शिमला में बिना ढके तथा बारिश, धूल, कीड़ों आदि के सम्पर्क में आने वाले सूखे मेवे व सब्जियों की बिक्री पर मनाही रहेगी।
इसके अतिरिक्त बिना ढकी मिठाई, मांस, मछली, चाट, बेकरी उत्पाद और दूध व अन्य वस्तुओं से बनी खाद्य सामग्री की बिक्री पर भी पूर्ण रोक लगा दी है।
आदित्य नेगी ने कहा कि विश्लेषक द्वारा बिना प्रमाणित बर्फ से बनने वाली आइस कैंडीज की बिक्री भी प्रतिबंधित रहेगी। जिला दंडाधिकारी ने गंदे बर्तन, खराब क्रॉकरी और गंदे पानी के इस्तेमाल पर पूर्ण रोक रहेगी। साथ ही मास्क, दस्ताने, टोपी, श्वास शिष्टाचार तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बिना किसी भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान में खाद्य सामग्री न तो तैयार की जा सकती है और न ही परोसी जा सकती है।
बीमारी फैलने की स्थिति के दौरान संपर्क आने वाले सभी व्यक्तियों को चिकित्सा जांच तथा अन्य निवारक उपायों के लिए प्रशासन का सहयोग करने के आदेश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला शिमला में सीएमओ, एमओएच, बीएमओ, नागरिक व ग्रामीण अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, नागरिक और ग्रामीण औषधालयों के प्रभारी तथा सहायक इकाई अधिकारी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वच्छता और खाद्य निरीक्षक, शिमला