सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
लोहड़ी पर्व के उपरांत चौहार घाटी के बड़ी झरवाड़, तरवाण, ढरांगण, गलू, लपास, कढियाण व लचकंडी गांवों में माघ माह की तीन प्रविष्ट को गांववासियों द्वारा कोलू-कोलू नामक लोकल पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ग्राम पंचायत खलैहल के बड़ी झरवाड़ गांव में यह लोकल त्यौहार लोहड़ी के तीसरे दिन प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आयाजित किया गया। घाटी के गांववासियो द्वारा माता सतवादनी के प्रांगण में पुरूषों ने टोली बनाकर हिंजकलो तथा हे हामलोरा पारंपरिक गीत पर नाटी डाली। पुजारी भैरों राम तथा डागी राम ने सतवादनी माता के प्रांगण में पहुँच कर पुजा अर्चना की। गांव की सभी महिलाओं ने अपने-अपने घरों में आटे के गौलाकार कौलू बनाकर माता सतवादनी के प्रांगण में पहुंच कर पुजा अर्चना कर अपनी ओर से गांव की खुशहाली के लिए कामना की। पहले महिलाओं ने गोबर तथा पके हुए चावल की बारिश पुरुषों के झुंड पर की उसके बाद कौलु की बारिश का सिलसिला जारी हो गया। उसके बाद महिलाओं ने नाटी डाल रहे पुरुषों पर पहले से कौलू की बारिश करने शुरू कर दी तथा पुरुषों तथा बच्चो में कौलू उठाने की जदोजहद शुरू हो गई। यह सिलसिला लगभग आधा घंटा तक चलता रहा। लोगों का मानना है कि जो पुरूष तथा जो बच्चा सबसे ज्यादा कोलू उठाएगा उसके घर में साल भर सुख शांति बनी रहेगी। इसी तरह कोलू का त्योहार धूमधाम के साथ समाप्त हो गया।