सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाई-वे के आठ प्रोजेक्टों का फैसला आज होगा। पर्यावरण और वन विभाग ने फोरेस्ट क्लीयरेंस पर बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें एफसीए में फंसे प्रोजेक्टों पर चर्चा होगी। इस चर्चा के बाद ही तय होगा कि इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू होगा या नहीं। इन सभी प्रोजेक्टों को लेकर वन विभाग पहले ही मंजूरी दे चुका है और इसके बाद फाइल केंद्र सरकार के वन और पर्यावरण विभाग को भेजी गई हैं। दरसअल, पूर्व वन और पर्यावरण विभाग की मंजूरी मिलने के बाद प्रोजेक्ट को सर्वाेच्च न्यायालय भेजा जाता था। किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए सर्वाेच्च न्यायालय की मंजूरी जरूरी थी, लेकिन बीते साल एनएचएआई की याचिका पर सर्वाेच्च न्यायालय ने एक फैसले में वन और पर्यावरण विभाग की मंजूरी को संतोषजनक करार दिया था। इसके साथ ही एनएचएआई को बड़ी छूट दी थी। इसमें फाइल को सर्वाेच्च न्यायालय भेजने से राहत दी गई थी, यानि अब केंद्र सरकार से मिली प्रारंभिक मंजूरी के आधार पर ही फोरलेन का काम शुरू हो सकता है। फिलहाल, बैठक में जिन आठ अहम प्रोजेक्ट पर चर्चा होनी है, उनमें कैंथलीघाट से ढली, शिमला-मटौर के चार और पठानकोट-मंडी एनएच के तीन अलग-अलग प्रोजेक्ट शामिल हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक राम आसरा खुराल ने कहा कि वन और पर्यावरण विभाग की बैठक होने वाली है। इस बैठक में इन सभी आठ प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी। मंजूरी मिलते ही कैंथलीघाट-शिमला फोरलेन समेत अन्य परियोजनाओं का काम तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा।