मुख्यमंत्री सुखविंदर ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने 2025 प्रदेश को हरित उर्जा राज्य बनाने का रखा है लक्ष्य

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ ब्यूरो 

कुल्लू  

देश दुनिया में जहां ऊर्जा के गैर परंपरागत नवीकरणीय स्त्रोतों पर शोध एवं नवाचार का कार्य चल रहा है वहीं भारतवर्ष में भी ऊर्जा क्षेत्र में कई नए शोध एवं ट्रायल के कार्य चल रहे हैं।

भारत सरकार ने विद्युत वाहन नीति निर्माण कर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया था इसके अंतर्गत देश भर में यातायात के लिए पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों के स्थान पर विद्युत ऊर्जा से संचालित वाहनों को प्रयोग में लाने के लिए व्यवस्था एवं अधोसंरचना को विकसित करने का कार्य किया जाना है।

इसी दिशा में मुख्यमंत्री सुखविंदर ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने 2025 प्रदेश  को हरित उर्जा  राज्य बनाने का  लक्ष्य रखा है। जिसके तहत वर्ष 2025 तक  प्रदेश में सभी सरकारी विभागों के वाहनों को पारंपरिक वाहनों से बदलकर विद्युत ऊर्जा से संचालित वाहनों में प्रतिस्थापित करना है।

संपूर्ण विश्व में पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों के सीमित भंडारों जोकि कुछ ही वर्ष में संभवत समाप्त हो जाएंगे। ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए, विशेषकर यातायात क्षेत्र में विद्युत ऊर्जा संचालित वाहनों का विश्व के कई देशों में सफल संचालन किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश भी देश के अग्रणी राज्यों में एक है जिसने विद्युत संचालित वाहनों को प्रदेश में अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए उठाए हैं।
हिमाचल प्रदेश में  सरकारी गाड़ियों के लिए रोज डेढ़ करोड़ रुपये के डीजल की खरीद की जाती है, ‘इलेक्ट्रिक वाहन नीति’ से  यह ख़र्च बचेगा तथा आर्थिक बोझ कम होगा।

प्रदेश में ज़िला कुल्लू हरित ऊर्जा क्षेत्र में एक बेहतर उदाहरण  प्रस्तुत कर  विद्युत  वाहनों के सफ़ल संचालन कर रहा है।
उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा   देने के उद्देश्य से कुल्लू जिले के बजौरा से सोलंगनाला के बीच 17 स्थान चिन्हित किये गए हैं जहां पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जायेंगे।

ज़िले में इलेक्ट्रिक बसों का भी सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है। हाल ही में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय  कुल्लू के लिए दो इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं  जिनमें एक इलेक्ट्रिक वाहन आरटीओ कुल्लू तथा एक फ्लाइंग स्क्वायड कुल्लू द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है।

Photo-DPRO Kullu

इन इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग करने के लिए व्यवस्था मिनी सचिवालय परिसर में की गई है जहां पर की 7.2 किलो वाट के दो चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं।

प्रत्येक वाहन 2 घंटे में की अवधि में शत प्रतिशत चार्ज हो जाता है तथा पूर्ण रूप से चार्ज होने के पश्चात लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तक अनवरत चलाया जा सकता है।

यह ऊर्जा की प्रदूषण रहित साफ-सुथरी तकनीक है जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता तथा ध्वनि प्रदूषण भी उत्पन्न नहीं होता है। यह धुआं रहित है और इस और इसमें वाहन को संचालित करने के लिए खर्च होने वाली ऊर्जा की लागत 2.5 रुपए प्रति किलोमीटर बैठती है।

प्रदेश सरकार की यह पहल अतुलनीय एवं सराहनीय पहल है जो हिमाचल को ऊर्जा क्षेत्र में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करेगी।

कुल्लू ज़िला में  हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में भी 25 इलेक्ट्रिक बसें ज़िला के विभिन्न रूटों पर सफलता पूर्वक चलाई जा रही हैं।

ये बसें कुल्लू से मंडी, मनाली, बंजार के बीच चलाई जा रही हैं। स्थानीय मुद्रिका बस सेवा में भी इलेक्ट्रिक बस का प्रयोग किया जा रहा है।

गर्मियों में पर्यटकों के लिए इनमें से कुछ का संचालन मनाली से रोहतांग कोकसर, अटल टनल से मनाली के रूट पर किया जाता है ताकि पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।

बसों की चार्जिंग के लिये कुल्लू में 7 तथा मनाली में  5 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये गए हैं जिनकी प्रत्येक की क्षमता 80 किलोवॉट  है।  प्रत्येक बस को चार्ज करने में 2 घण्टे का समय लगता है जिसके पश्चात इसे 200 किलोमीटर की दूरी तक यात्रा की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *