सुरभि न्यूज़
ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट
जिला मंडी के चौहार घाटी के लोगों का जीवन यापन ज्यादातर खेतीबाड़ी पर निर्भर है। इसलिए यहां पर समय–समय पर पंचायत स्तर पर कृषि शिविर आयोजित करना बेहद अनिवार्य है। चौहारघाटी के किसान नगदी फसल आलू, राजमाह तथा मटर के अलावा कई प्रकार की सब्जियां गत कई कई वर्षों से उगाते आ रहे हैं जिससे यहाँ के किसानों की आर्थिकी काफी सुदृढ़ भी हुई है। लेकिन खेती संबंधी कार्यों की पूर्ण जानकारी न होने के चलते हर वर्ष किसानों की नगदी फसलों को कोई न कोई गंभीर बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है। जिस कारण किसानों की फसलें खेतों में गल–सड़ जाने के कारण किसानों को भारी मात्रा में नुक्सान भी उठाना पड़ता है। इसलिए यहां पर समय–समय पर पंचायत स्तर पर कृषि समबन्धी जागरूकता शिविर का आयोजन करना बेहद जरूरी है | किसानों को सही जानकारियां न होने के कारण किसान विज्ञानिक ढंग से कृषि नहीं कर पा रहे हैं। चौहारघाटी में नगदी फसल आलू, राजमाह, मटर, लुहसन तथा विभिन्न प्रकार की सब्जियां भारी मात्रा में पैदा की जाती है। इसलिए सम्बन्धित विभाग द्वारा यहाँ कृषि को बढ़ावा दिया जाए तो यहां का हर किसान पूरी तरह आत्म निर्भर बन सकता है। खलैहल पंचायत के प्रधान भागमल तथा बरोट पंचायत के पूर्व उपप्रधान श्याम चंद का कहना है कि किसानों ने सरकार तथा कृषि विभाग से मांग की है कि इन फसलों की बिजाई से पहले ही चौहार घाटी तथा साथ लगती छोटाभंगाल में पंचायत स्तर पर कृषि संबंधी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं।