जोगिन्दर नगर के लड़भडोल की 15 ग्राम पंचायतों के लिए क्षय रोग बारे में आयोजित किया जागरूगता शिविर

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
लडभड़ोल

एसडीएम जोगिन्दर नगर कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि क्षयरोग (टीबी) मुक्त भारत के लक्ष्य प्राप्ति को संबंधित ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधि सक्रियता से जुड़ें। उन्होंने कहा की जब हमारी ग्राम पंचायतें क्षय रोग से मुक्त होंगी तो हमारा जिला, हमारा प्रदेश और तभी हमारा राष्ट्र भी क्षय रोग से मुक्त होगा। एसडीएम आज क्षयरोग बारे लडभड़ोल में लडभड़ोल क्षेत्र की 15 ग्राम पंचायतों के पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए खंड चिकित्साधिकारी लडभड़ोल के माध्यम से आयोजित जागरूकता शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होने कहा कि क्षयरोग के संपूर्ण उन्मूलन के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की अहम भूमिका है तथा उनकी संपूर्ण सहभागिता के बिना इस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है। साथ ही क्षयरोग के प्रति स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ लोगों का जागरूक होना भी बेहद जरूरी है। उन्होने विभागीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि लडभड़ोल क्षेत्र के साथ-साथ संपूर्ण चिकित्सा खंड में 68 क्षयरोगी है जिनका उपचार किया जा रहा है।

एसडीएम ने कहा कि सरकार क्षयरोग से मुक्त ग्राम पंचायतों के लिए 5 लाख रूपये की इनामी राशि भी प्रदान कर रही है। जिसका उपयोग संबंधित पंचायतें गांव के विकास में व्यय कर सकती हैं। उन्होने कहा कि इसके लिए पंचायतों को जहां क्षयरोग से मुक्त होना पड़ेगा तो वहीं प्रति हजार प्रति वर्ष कम से कम 50 सैंपल देने होंगे। साथ ही लगातार तीन वर्षों तक किसी व्यक्ति की क्षयरोग से मौत नहीं होनी चाहिए।

उन्होने विभागीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि लडभड़ोल चिकित्सा खंड में जहां वर्ष 2021 में क्षयरोग से 8 लोगों की मौत हुई थी तो वहीं वर्ष 2022 में यह आंकड़ा बढक़र 18 हो गया है। उन्होने पंचायत प्रतिनिधियों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को सैंपल देने के लिए प्रोत्साहित करने का भी आहवान किया।

बीएमओ लडभड़ोल डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है जो पीडि़त व्यक्ति के संपर्क में आने से हवा के माध्यम से फैलता है। साथ जो लोग धुम्रपान एवं शराब का सेवन करते हैं तथा मधुमेह जैसी बीमारियों से पीडि़त होते हैं। ऐसे लोग जल्दी टीबी से संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा व्यक्ति में पोषण की कमी होना भी इस बीमारी का प्रमुख कारण है।

उन्होने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी है, शाम के समय बुखार तथा रात को पसीना आता है, छाती में दर्द रहता है, बलगम से खून आता है, भूख कम लगती है, अत्यधिक थकान महसूस होती है तथा चलते समय संास फूलती है तो ये क्षयरोग का लक्षण हो सकता है। ऐसे लोगों को तुरन्त बलगम की जांच करवानी चाहिए ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके। साथ ही कहा कि यदि टीबी की बीमारी बिगड़ जाती है तो इसे सामान्यता ठीक करने के लिए 6 माह के बजाए 2 वर्ष तक समय लग सकता है। कई बार यह लापरवाही जानलेवा भी साबित होती है। उन्होने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से ऐसे लोगों की पहचान कर जांच करवाने का आहवान किया ताकि क्षयरोग पूरी तरह खत्म किया जा सके।

उन्होने बताया कि सरकार टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज की पूर्ण अवधि तक प्रतिमाह 500 रुपये बतौर पोषण सहायता भी प्रदान करती है। साथ ही राज्य सरकार बिगड़ी टीबी के इलाज की पूर्ण अवधि तक मरीज को 1500 रुपये की राशि प्रदान करती है। उन्होने बताया कि टीबी उन्मूलन में सामुदायिक समर्थन हेतु सरकार ने एक डिजिटल मंच प्रदान किया है। जिसके द्वारा सामुदायिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु टीबी रोगियों को किसी व्यक्ति, किसी प्रतिनिधि या संस्थान द्वारा गोद लिया जा सकता है। ऐसे व्यक्ति, प्रतिनिधि या संस्थान को निक्षय मित्र कहा जायेगा। निक्षय मित्र की भागीदारी में एक निक्षय मित्र पोषण किट भी सरकार द्वारा तैयार की गई है, जिसमें मरीज के लिए आवश्यक पोषण सामग्री शामिल है। उन्होने लोगों से निक्षय मित्र बनने के लिए आगे आने का भी आहवान किया है। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों से भी निक्षय मित्र बनने के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित करने का भी आहवान किया।

इस अवसर पर बीएमओ लडभड़ोल डॉ. ए. के. सिंह के अतिरिक्त तहसीलदार लडभड़ोल मेघना गोस्वामी, बीडीओ चौंतड़ा सरवन कुमार, विभिन्न पंचायतीराज संस्थाओं के प्रधान, बीडीसी सदस्य व वार्ड सदस्य सहित स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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