सुरभि न्यूज़
बिलासपुर
बिलासपुर में होने जा रहे राज्यस्तरीय नाट्य उत्सव में भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा प्रशासन का सहयोग करने का निर्णय कहलूर रंगमंच संस्कृतिक सभा ने लिया है।
पत्रकारों से बात करते हुए सभा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा तथा महासचिव अरुण डोगरा रीतू ने बताया कि बिलासपुर के इतिहास में पहली बार राज्य स्तरीय नाट्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है ।
इसके लिए जिला प्रशासन तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश बधाई का पात्र है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर की भूमि कहलूर रियासत के कार्यकाल से रंगमंच के लिए जानी जाती रही है और कहलूर रियासत के अंतिम शासक राजा आनंद चंद के समय में थिएटर काफी अग्रणी था।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में ही 100 वर्षों से अधिक समय से श्रीराम नाटक का मंचन होता चला रहा है जो कि उत्तर भारत में अपने किस्म का अनूठा प्रयोग है। इसके अलावा बिलासपुर में रंगमंच में कई हस्ताक्षर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भाषा एवम संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश और जिला प्रशासन इसके लिए बधाई का पात्र है।
उन्होंने बताया कि सभा के सदस्य उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक से मिले और उन्हें बताया कि वे इस कार्य में प्रशासन और विभाग का सहयोग करेंगे तो उपायुक्त ने इस बात को बड़ी संजीदगी से लेते हुए सभा के इस कार्य की प्रशंसा की।
सभा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बिलासपुर के सभी लोगों से आग्रह किया है कि वह 23 मई से लेकर 27 मई तक लगातार पांच दिन तक होने वाले इस नाट्य उत्सव में बाहर से आई टीमों द्वारा प्रस्तुत नाटक और फोक आर्ट देखने के लिए समय निकालें।
यह आयोजन रोड़ा सेक्टर में स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल फॉर गर्ल्स के साथ बने नए ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। नाटक आरंभ होने का समय समय सायं 5:30 रहेगा। सभा ने नाट्य उत्सव देखने के लिए बिलासपुर की सभी संस्थाओं और विद्यार्थियों से भी आग्रह किया है कि वह हिमाचल के 10 जिलों की नाट्य टीमों की प्रस्तुति देखने के लिए इस आयोजन में अवश्य अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
उपायुक्त से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल मेहता, उपाध्यक्ष सुशील पुंडीर तथा रविंदर भट्टा, संयुक्त सचिव प्रविंद्र शर्मा, सह सचिव अनीश ठाकुर, प्रेस सचिव सुरेंद्र मिन्हास तथा सदस्य नवीन सोनी, अभिषेक डोगरा व अभिषेक सोनी भी उपस्थित रहे।