जिला ऊना में पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से स्पिरिट की बड़ी खेप की बरामद, अवैध नकली शराब माफिया से जुड़े हो सकते है तार

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
ऊना
प्रदेश में अवैध शराब के सौदागरों के प्रति की जा रही छापामारी के चलते पिछले दिन भारी मात्रा में नकली देसी संतरा शराब की खेप पकड़ने के बाद अब पुलिस ने शराब बनाने में प्रयोग होने वाली स्पिरिट की बड़ी खेप बरामद की है।
नकली शराब मामले में मंडी शराब कांड के मुख्य
सरगना गौरव मिन्हास उर्फ गोरू का नाम सामने आने पर पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है जो कि मंडी शराब कांड में हाईकोर्ट से जमानत पर है।
पुलिस ने नकली स्टीकर और होलोग्राम वाली शराब के साथ गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद ऊना में पुराना होशियारपुर रोड स्थित एक गोदाम में स्प्रिट से भरे दस ड्रम भी जब्त किए गए हैं। स्प्रिट
के सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे हैं। स्प्रिट की यह खेप उत्तराखंड के रूद्रपुर से ऊना पहुंची है। जबकि प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि स्पिरिट के 20 ड्रम की सप्लाई पहले ही की जा चुकी है।
ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में किसके नाम पर यह सप्लाई आई है, इसकी भी जांच तेज कर दी गई है। अब विभाग यह जानने का प्रयास कर रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में स्पिरिट उत्तराखंड से किसने
भेजी है और इसे आगे किसे सप्लाई किया जाना था।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि गौरव मिन्हास दोनों आरोपियों के संपर्क में था और उनसे बराबर फोन पर बातचीत कर रहा था। बीते कुछ दिन से लगातार गौरव ऊना आ रहा था। गौरव का नाम सामने आने के बाद जिला पुलिस ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग को पत्र लिखकर शराब की जांच करवाई तो यह मामला उजागर हुआ।
ऊना के एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बीते 27 मई को मोहित राजपूत निवासी ऊना और अश्वनी कुमार निवासी नंगल के विरुद्ध पुलिस थाना ऊना में केस दर्ज किया था। इसमें पुलिस दल ने आरोपियों की बोलेरो गाड़ी से वीआरवी मार्का देसी शराब की 45 पेटियां बरामद की थीं।
प्रारंभिक जांच में मोहित राजपूत ने बताया कि उसने यह शराब गौरव मिन्हास ऊर्फ गोरू से खरीदी है।सूचना के आधार पर शराब की बोतलों पर लगे
लेबल और होलोग्राम का सत्यापन जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त से करवाया गया। उन्होंने बताया कि बोतलों पर लगे लेबल और होलोग्राम नकली हैं।
एसपी ने बताया कि 28 मई को मोहित राजपूत और अश्वनी पुलिस दल को औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर के प्लॉट 60 में बने एक गोदाम में लेकर गए। यहां गवाहों की उपस्थिति में तलाशी के दौरान पुलिस ने वीआरवी मार्का देसी शराब की 375 अतिरिक्त पेटियां बरामद कीं। उसी जगह पर होलोग्राम और वीआरवी उद्योग के लेबल लगे टेप जले पाए गए।
जांच के दौरान पाया गया कि गोदाम में चार श्रमिक कार्य करते थे जो अब गायब हैं। उनके मोबाइल भी बंद हैं। गोदाम का रेंट एग्रीमेंट आरोपी अश्वनी के नाम पर था जो गौरव मिन्हास की अनुशंसा पर किया गया था।
एसपी ने बताया कि नकली होलोग्राम और स्टीकर वाली शराब कहां बनाई गई, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।
उल्लेखनीय है कि मंडी में पूर्व में सामने आए जहरीली शराब मामले के तार ऊना से भी जुड़े थे। इसी मामले के मुख्य आरोपी गौरव मिन्हास उर्फ गोरू की भूमिका अब पुलिस ऊना जिले में मिले नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर शराब को लेकर जांच कर रही है।
इस तरह पकड़े गए शातिर जिले में पकड़ी गई नकली स्टीकर और होलोग्राम वाली शराब के मामले में शातिर अपनी गलतियों से ही पकड़े गए। संतरा देसी शराब के असली और नकली स्टीकर में काफी अंतर है। असली मार्का में पतों का रंग गहरा है जबकि नकली में यह रंग फीका है। इसी तरह नकली स्टीकर में ड्रिंक की स्पेलिंग अंग्रेजी में गलत
लिखी गई है। नकली मार्का वाली शराब के दाम भी कम अंकित हैं।
एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि नकली और असली शराब बोतल में फर्क करना मुश्किल है। इस दौरान उन्होंने नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली और असली शराब की बोतल रखकर इसकी पहचान भी करवाई। बताया कि नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली शराब के स्टीकर में कुछ गलतियां हैं। इन्हें देखकर इसका पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर वाली शराब है तो इसे आबकारी विभाग को सौंप दें। इस तरह की
शराब का सेवन न करें। बताया कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है ताकि इस मामले का का जल्द खुलासा हो सके।

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